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यूपी: 4 साल से था स्कूल में अंधेरा, ट्वीट करते ही जगी उजाले की उम्मीद

सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में लाखों रूपये खर्च किए लेकिन सरकारी स्कूलों में उनके हिस्से का पैसा पूरी तरह खर्च नहीं किया गया। स्मार्ट सिटी नोएडा में ऐसे कई स्कूल है जो अब भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रही है।

Updated on: 25 Nov 2017, 06:30 PM

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश में नोएडा को सबसे विकसित शहर माना जाता है। सरकार ने जगह-जगह अपने विकास संबंधी बैनर्स भी लगाए है। लेकिन यहां की शिक्षा व्यवस्था आज भी लचीली है। सरकारी स्कूल की हालात अभी भी बद से बदत्तर है।

सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में लाखों रूपये खर्च किए लेकिन सरकारी स्कूलों में उनके हिस्से का पैसा पूरी तरह खर्च नहीं किया गया। स्मार्ट सिटी नोएडा में ऐसे कई स्कूल है जो अब भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रही है।

नोएडा के बिसरख इलाके के इतेड़ा गांव के पूर्व माध्यमिक स्कूल की तस्वीर अपने हालात बयां कर रहा है। इस स्कूल में न तो बाउंड्री वॉल है और न ही खेलकूद खेलने-कूदने की जगह। स्कूल में फर्नीचर न होने के साथ बिजली की भी व्यवस्था नहीं की गई है।

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स्कूल के बाहर एक बिजली का खम्बा लगा दिया गया जो सिर्फ जो सिर्फ दिखावे का काम करता है। बता दे कि यह स्कूल 2012-13 से सुचारु रूप से चलाया जा रहा है। लेकिन स्कूल में आज तक न पंखा और न ही बल्ब, बिजली बोर्ड या मीटर कनेक्शन लगाया गया है।

स्कूल की प्रधानाचार्य ने डीएम से लेकर प्रधान तक को स्कूल की इस समस्या के बारे में चिट्ठी लिख चुकी है लेकिन इसका कोई खास असर नहीं दिखा। बच्चों को बैठने के लिए चटाई तक की व्यवस्था बारात घर से की गई है।

जब सरकारी मशीनरी और पत्र काम नहीं कर सकी तो फिर सोशल मीडिया का सहारा लिया गया। सोशल मीडिया के जरिये इस स्कूल को बिजली दिलाने की कोशिश की गई और यह प्रयास सफल रहा।

ट्वीट के जरिये इस स्कूल की दशा के बारे में पॉवर मंत्री को बताया गया और इसके बाद स्कूल का कनेक्शन स्लिप काट दिया गया। 15 दिन एक अंदर स्कूल को बिजली की सुविधा उपलब्ध करवाने का आश्वासन दे दिया गया। इस खबर से स्कूल के बच्चे सहित टीचर काफी खुश है।

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