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जानिये, होली के बाद किन राज्यों में मनाया जाता है रंग पंचमी का उत्सव

महाराष्ट्र में रंग पंचमी को होली को कहते हैं। महाराष्ट्र और कोंकण के लगभग सभी हिस्सों में इस त्योहार को रंगों के त्योहार के रूप में मनाया जाता है।

Updated on: 14 Mar 2017, 01:54 PM

नई दिल्ली:

रंगों का पर्व होली यूं तो कई राज्यों में अपना रंग बिखेर चुका, लेकिन अभी देश के कई हिस्सों में रंग पंचमी का उत्सव मनाया जाना बाकी है। जी हां, आज हम आपको बताने जा रहे हैं, कुछ ऐसे ही क्षेत्रों के बारें में, जहां इस पर्व को अगले पांच से सात दिनों तक बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है।
आप सोच रहे होंगे कि ये रंग पंचमी क्या है, तो हम आपको बता दें हिंदू कलैंडर के अनुसार, फाल्गुन कृष्ण पक्ष के पांचवें दिन इसे रंग पंचमी के रूप में मनाया जाता है।

महाराष्ट्र

महाराष्ट्र में रंग पंचमी को होली को कहते हैं। महाराष्ट्र और कोंकण के लगभग सभी हिस्सों में इस त्योहार को रंगों के त्योहार के रूप में मनाया जाता है। इस दिन मछुआरों की बस्ती में नाच-गाना होता है। यह मौसम शादी तय करने के लिए भी ठीक माना जाता है, क्योंकि सारे मछुआरे इस त्योहार पर एक-दूसरे के घर पर मिलने जाते हैं और काफी मस्ती करते हैं। इस दिन महाराष्ट्र में पूरनपोली नाम का मीठा स्‍वादिष्‍ट पकवान बनाया जाता है और जगह-जगह दही हांडी फोड़ने का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। दही-हांडी की टोलियों के लिए पुरस्‍कार भी दिए जाते हैं। इस दौरान हांडी फोड़ने वालों पर महिलाएं अपने घरों की छत से रंग फेंकती हैं।

कानपुर

मथुरा या वृंदावन में होलिका दहन से पहले ही रंगों से खेलना शुरू हो जाता है, लेकिन कानपुर में ठीक इसके उलट होता है। होली दहन के बाद से कानपुर में धुलेंडी से रंग खेलने का जो सिलसिला शुरू होता है, वह करीब एक हफ्ते तक चलता है।

एक हफ्ता होली खेलने के बाद लोग अनुराधा नक्षत्र के दिन सरसैया घाट पर जाकर गंगा में नहाते हैं और अपना रंग छुड़ाते हैं। वहीं दूसरी ओर कानपुर में अगले दिन बाजारों की रौनक से घर और गलियां जगमगाने लगती हैं। इस दिन नवीन मार्किट और बड़ा चौराहा को कानपुर का हार्ट माना जाता है।

मध्यप्रदेश

मध्यप्रदेश के अधिकतम हिस्सों में रंगपंचमी अर्थात् होली ​के अगले पांच दिनों तक जश्न का माहौल रहता है। मध्य प्रदेश का इंदौर शहर होल्कर शासनकाल की अपनी परंपराओं को आज भी अपने दामन में संजोए हुए है। इन पांच दिनों में रंगपंचमी पर शहर में गेरें (रंगारंग जुलूस) निकलता है। यह उन्हीं परंपराओं का हिस्सा है। यह ऐसा अवसर होता है जब पूरा इन्दौर शहर ही रंग में रंग जाता है और मस्ती हिलोरे मारती है।

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मालवा अंचल

इस दिन मालवा अंचल, इन्दौर के आसपास का इलाका रंगीन हो जाता है। होली के पांच दिन बाद रंगपंचमी का त्योहार मनाया जाता है, जिसमें फिर से एक बार रंगों से एक दूसरे को डुबोया जाता है। जुलूस में हर धर्म के, हर राजनीतिक पार्टी के लोग शामिल होते हैं।

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बिहार, धनबाद, हिमाचल 

इसके साथ ही बिहार, धनबाद, हिमाचल और उत्तराखंड के कई हिस्सों में रंग पंचमी का यह त्यौहार मनाया जाता है। यही हमारे भारत देश की पहचान है। यहां हर त्यौहार कई दिनों तक धूमधाम के साथ मनाया जाता रहा है।