फुलैरा दूज 2018: जानें होली से पहले क्यों मनाया जाता है ये पर्व
इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा की पूजा की जाती है। मथुरा और वृंदावन में सभी मंदिरों को फूलों से सजाया जाता है। लोग फूलों की होली खेलती हैं।
मुंबई:
फाल्गुन महीने में शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को 'फुलैरा दूज' मनाई जाती है। इसे फाल्गुन मास का सबसे पवित्र और शुभ दिन माना जाता है। भले ही इसे शहरों में नहीं मनाते हों, लेकिन उत्तर भारत में गांवों में आज भी इस पर्व को धूमधाम से मनाते हैं।
इस दिन बच्चे पहले अपने-अपने घरों को साफ करते हैं। फिर गोबर से लेपने के बाद फूलों और गुलाल से रंगोली बनाते हैं। यह पर्व होली का त्योहार आने की खुशी में मनाया जाता है।
फुलैरा दूज मनाने का समय
हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल 2018 में फुलैरा दूज 17 फरवरी को मनाई जाएगी। यह दिन में 3 बजकर 56 मिनट से शुरू होकर 18 फरवरी की शाम 4 बजे तक मनाई जाएगी।
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ये है फुलैरा दूज का महत्व
इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा की पूजा की जाती है। मथुरा और वृंदावन में सभी मंदिरों को फूलों से सजाया जाता है। लोग फूलों की होली खेलती हैं।
इस दिन होती हैं सबसे ज्यादा शादियां
यह फाल्गुन मास का सबसे शुभ दिन होता है। इसी वजह से इस दिन सबसे ज्यादा शादियां होती हैं। इसे शादियों के सीजन का अंतिम दिन माना जाता है।
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