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Char Dham Yatra: चार धाम की यात्रा कहां से और कैसे शुरू करें, यहां जानें पूरी डिटेल 

How to do the Char Dham Yatra: चार धाम की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए अच्छी खबर है. आज से कपाट खुल गए हैं. अगर आप भी केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री जाने के बारे में सोच रहे हैं तो यहां पूरी डिलेट जान लें. 

Updated on: 10 May 2024, 10:46 AM

New Delhi :

Char Dham Yatra: आज अक्षय तृतीया से चार धाम यात्रा शुरू हो चुकी है. अगर आप भी चार धाम यात्रा का प्लान बना रहे हैं तो आप अपनी सुविधा और यात्रा के तरीके के अनुसार कहीं से भी शुरू कर सकते हैं. चार धाम यात्रा भारतीय हिंदू धर्म के लोगों के लिए पवित्र स्थलों में से एक है. बद्रीनाथ स्थान उत्तराखंड में स्थित है और विष्णु भगवान को समर्पित है. केदारनाथ भी उत्तराखंड में स्थित है और शिव भगवान को समर्पित है. यमुनोत्री धाम उत्तराखंड में है और यहां यमुना नदी का स्रोत है. गंगोत्री भी उत्तराखंड में है जिसे गंगा नदी का स्रोत माना जाता है. ये चार स्थल हिन्दू धर्म के श्रद्धालुओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं और उनके दर्शन करने का श्रेय बड़े पुण्य का समान माना जाता है. चार धाम यात्रा को पूरा करने का आदर्श समय है चार महीने का छुट्टी माना जाता है, जिसे 'चार यामी यात्रा' भी कहा जाता है. 

सड़क मार्ग से

हरिद्वार सबसे आम शुरुआती बिंदु है, क्योंकि यह दिल्ली, ऋषिकेश और अन्य शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है. यहां से, आप बस या टैक्सी द्वारा चार धाम स्थलों तक जा सकते हैं.

देहरादून उत्तराखंड की राजधानी है और दिल्ली, लखनऊ और चंडीगढ़ से हवाई और रेल मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है. देहरादून से, आप बस या टैक्सी द्वारा चार धाम स्थलों तक जा सकते हैं.

रेल मार्ग से

हरिद्वार हरिद्वार में एक रेलवे स्टेशन है जो दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई सहित प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है. स्टेशन से, आप बस या टैक्सी द्वारा चार धाम स्थलों तक जा सकते हैं.

ऋषिकेश ऋषिकेश में एक रेलवे स्टेशन है जो हरिद्वार और देहरादून से जुड़ा हुआ है. स्टेशन से, आप बस या टैक्सी द्वारा चार धाम स्थलों तक जा सकते हैं.

हवाई मार्ग से

देहरादून का जॉली ग्रांट हवाई अड्डा दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और बेंगलुरु सहित प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है. हवाई अड्डे से, आप टैक्सी या हेलीकॉप्टर द्वारा चार धाम स्थलों तक जा सकते हैं.

चार धाम यात्रा का प्लान

1) अपनी यात्रा का समय तय करें चार धाम यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून और सितंबर से अक्टूबर के बीच होता है. इन महीनों के दौरान मौसम सुखद होता है और सड़कें खुली रहती हैं.

2) यात्रा का तरीका तय करें आप सड़क, रेल या हवाई मार्ग से चार धाम यात्रा कर सकते हैं. सड़क मार्ग से यात्रा करना सबसे किफायती विकल्प है, लेकिन इसमें सबसे अधिक समय लगता है. रेल यात्रा एक तेज़ विकल्प है, लेकिन यह अधिक महंगी हो सकती है. हवाई यात्रा सबसे तेज़ विकल्प है, लेकिन यह सबसे महंगी भी है.

3) रहने की व्यवस्था बुक करें चार धाम यात्रा के दौरान आपको कई होटल, लॉज और धर्मशालाएँ मिल जाएंगी. आप अपनी यात्रा से पहले अपनी रहने की व्यवस्था ऑनलाइन बुक कर सकते हैं या आप वहां पहुंचने के बाद भी ऐसा कर सकते हैं.

4) यात्रा की योजना बनाएं आप अपनी यात्रा की योजना खुद बना सकते हैं या आप किसी टूर ऑपरेटर से पैकेज बुक कर सकते हैं. यदि आप अपनी यात्रा की योजना खुद बना रहे हैं, तो आपको अपनी यात्रा कार्यक्रम, परिवहन और आवास पहले से बुक करना होगा. यदि आप एक पैकेज बुक करते हैं, तो टूर ऑपरेटर आपकी यात्रा की सभी व्यवस्थाओं का ध्यान रखेगा.

चार धाम यात्रा में कितने दिन लगते हैं?

दिन 1- दिल्ली से हरिद्वार पहुंचें.

दिन 2- हरिद्वार में दर्शन करें और फिर ऋषिकेश जाएं.

दिन 3- ऋषिकेश में दर्शन करें और फिर यमुनोत्री जाएं.

दिन 4- यमुनोत्री में दर्शन करें और फिर गंगोत्री जाएं.

दिन 5- गंगोत्री में दर्शन करें और फिर केदारनाथ जाएं.

दिन 6- केदारनाथ में दर्शन करें.

दिन 7- केदारनाथ से बद्रीनाथ जाएं.

दिन 8- बद्रीनाथ में दर्शन करें.

दिन 9- बद्रीनाथ से ऋषिकेश जाएं.

दिन 10- ऋषिकेश से दिल्ली वापस आ जाएं

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)