लोहड़ी 2018: ये त्योहार मनाने के पीछे क्या है मान्यता, पढ़ें दुल्ला भट्टी की कहानी
लोहड़ी भारत का सर्वाधिक लोकप्रिय त्योहार है। इसे पंजाब के अलावा कई राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है।
नई दिल्ली:
लोहड़ी भारत का सर्वाधिक लोकप्रिय त्योहार है। इसे पंजाब के अलावा कई राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है। वहीं पारंपरिक तौर पर लोहड़ी फसल की बुआई और कटाई से जुड़ा विशेष त्योहार है।
इस दिन लोग अलाव जलाकर उसके चारों तरफ भांगड़ा करते हैं। ढोल की थाप पर जमकर नृत्य होता है और फिर एक-दूसरे को गले लगकर लोहड़ी की शुभकामनाएं देते हैं। साथ ही मूंगफली और रेवड़ी का आनंद लेते हैं।
ये भी पढ़ें: मकर संक्रांति 2018: जानें साल के पहले पर्व का पौराणिक महत्व
क्या है लोहड़ी?
मकर संक्रांति से पहले वाली रात को सूर्यास्त के बाद लोहड़ी मनाई जाती है। दक्ष प्रजापति की पुत्री सती के दहन की याद में लोहड़ी की अग्नि जलाई जाती है। इस खास अवसर पर शादीशुदा महिलाओं को मायके की तरफ से 'त्योहारी' (जिसमें कपड़े, मिठाई, रेवड़ी और फल) भेजी जाती है।
ये है दुल्ला भट्टी की कहानी
लोहड़ी को दुल्ला भट्टी की एक कहानी से भी जोड़ा जाता है। पंजाब में इस नाम का एक शख्स था, जो गरीब लोगों की मदद करता था। उसने मुश्किल घड़ी में सुंदरी और मुंदरी नाम की दो अनाथ बहनों की मदद की। उन्हें जमींदारों के चंगुल से छुड़ाकर लोहड़ी की रात आग जलाकर शादी करवा दी। माना जाता है कि इसी घटना के कारण लोग लोहड़ी मनाते हैं। दूल्ला भट्टी को आज भी प्रसिद्ध लोक गीत 'सुंदर-मुंदिरए' गाकर याद किया जाता है।
ये भी पढ़ें: लोहड़ी पर पंजाबी गेट-अप में दिखें आकर्षक, अपनाये यह टिप्स
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Maa Laxmi Shubh Sanket: अगर आपको मिलते हैं ये 6 संकेत तो समझें मां लक्ष्मी का होने वाला है आगमन
-
Premanand Ji Maharaj : प्रेमानंद जी महाराज के इन विचारों से जीवन में आएगा बदलाव, मिलेगी कामयाबी
-
Aaj Ka Panchang 29 April 2024: क्या है 29 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Arthik Weekly Rashifal: इस हफ्ते इन राशियों पर मां लक्ष्मी रहेंगी मेहरबान, खूब कमाएंगे पैसा