logo-image

Chhath Puja 2016: पूजा में इन बातों का रखें खास ख्याल, भूल से भी न करें ये गलतियां

छठ महापर्व पहले सिर्फ बिहार तक ही सीमित था, लेकिन अब यूपी, दिल्ली समेत कई जगहों पर यह धूमधाम से मनाया जाता है। छठ पूजा में कई बातों का खास ख्याल रखा जाता है। ऐसे में व्रत के दौरान भूल से भी यह (नीचे लिखी) गलतियां नहीं करनी चाहिए।

Updated on: 06 Nov 2016, 07:12 AM

नई दिल्ली:

चार दिनों तक चलने वाली छठ पूजा 4 नवंबर से शुरू होने वाली है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि छठ देवी सूर्यदेव की बहन हैं। इसलिए इस पर्व पर छठ देवी को प्रसन्न करने के लिए सूर्य देव को खुश किया जाता है। गंगा-यमुना या किसी भी नदी, सरोवर के तट पर सूर्यदेव की आराधना की जाती है।

छठ महापर्व पहले सिर्फ बिहार तक ही सीमित था, लेकिन अब यूपी, दिल्ली समेत कई जगहों पर यह धूमधाम से मनाया जाता है। छठ पूजा में कई बातों का खास ख्याल रखा जाता है। ऐसे में व्रत के दौरान भूल से भी यह (नीचे लिखी) गलतियां नहीं करनी चाहिए।

छठ पूजा में न करें ये गलतियां

- घर में प्याज और लहसुन बिल्कुल न रखें।

- पूजा के दौरान गंदे कपड़े नहीं पहनना चाहिए।

- पूजा का सामान इधर-उधर नहीं रखना चाहिए।

- पूजा में शराब या सिगरेट का सेवन नहीं करना चाहिए।

- सूर्य को अर्घ्य देने से पहले जल या भोजन ग्रहण न करें।

- व्रत रखने वाली महिलाओं को बेड पर नहीं सोना चाहिए।

- बच्चों को पूजा से पहले प्रसाद और फल खाने नहीं देना चाहिए।

- व्रत के दौरान घर में मांसाहारी खाना बिल्कुल भी नहीं रखना चाहिए।

- नहाने या हाथ धोने से पहले पूजा की किसी सामग्री को हाथ न लगाएं।

- व्रत में साधारण नमक का सेवन कतई न करें। आप सिर्फ सेंधा नमक खा सकते हैं।

- प्रसाद बनाते वक्त कुछ खाना नहीं चाहिए और नमक या इससे बनी चीजों को हाथ नहीं लगाना चाहिए।

छठ पूजा में इन बातों का रखें खास ख्याल

- सभी घरवालों के साथ मिलकर पूजा करें।

- नदी में स्नान करने के बाद नए कपड़े पहनें।

- प्रसाद बनाने से पहले हाथों और पैरों को धोएं।

- सूर्य देव की पूजा करें और बड़ों का आशीर्वाद जरूर लें।

- पूजा का कोई भी सामान छूने से पहले हाथों को जरूर साफ करें।

- छठ पूजा में साफ-सफाई का महत्व है। व्रत के दौरान रोजाना स्नान करें।


छठ महापर्व व्रत की विधि

छठ की पूजा गंगा, यमुना नदी या फिर पोखरों में की जाती है। इसका व्रत नहाय खाय के साथ शुरू होता है और चौथे दिन सूर्यास्त में अर्ध्य दिया जाता है| तत्पश्चात ही भोजन किया जाता है। देने के बाद यह समाप्त होता है। इस व्रत में महिलाएं दो दिन तक उपवास रखती हैं और अपने पति व पुत्र की दीर्घायु की कामना करती हैं। पंचमी को उपवास करके संध्याकाळ में किसी तालाब या नदी में स्नान करके सूर्य भगवान को अर्ध्य दिया जाता है। तत्पश्चात ही भोजन किया जाता है। षष्ठी के दिन प्रात:काल स्नानादि के बाद संकल्प लिया जाता है। संकल्प लेते समय इन मन्त्रों का उच्चारण करें।

मन्त्रों का उच्चारण

ऊं अद्य अमुकगोत्रोअमुकनामाहं मम सर्व
पापनक्षयपूर्वकशरीरारोग्यार्थ श्री
सूर्यनारायणदेवप्रसन्नार्थ श्री सूर्यषष्ठीव्रत करिष्ये।पूरा दिन निराहार और नीरजा निर्जल रहकर पुनः नदी या तालाब पर जाकर स्नान किया जाता है और सूर्यदेव को अर्ध्य दिया जाता है।

अर्ध्य

अर्ध्य देने की भी एक विधि होती है। एक बांस के सूप में केला एवं अन्य फल, अलोना प्रसाद, ईख आदि रखकर उसे पीले वस्त्र से ढक दें| तत्पश्चात दीप जलाकर सूप में रखें और सूप को दोनों हाथों में लेकर इस मन्त्र का उच्चारण करते हुए तीन बार अस्त होते हुए सूर्यदेव को अर्ध्य दें।

ऊं एहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजोराशे जगत्पते।
अनुकम्पया मां भवत्या गृहाणार्ध्य नमोअस्तुते॥

छठ पूजा शुभ मुहूर्त 2016

छठ पूजा पहला दिन (4 नवंबर)

नहाय-खाय

सूर्योदय का समय : 06:35
सूर्यास्त का समय : 17:34

छठ पूजा दूसरा दिन (5 नवंबर)

लोहांडा और खरना

सूर्योदय का समय : 06:36
सूर्यास्त का समय : 17:33

छठ पूजा तीसरा दिन (6 नवंबर)

संध्या अर्ध्य

सूर्योदय का समय : 06:37
सूर्यास्त का समय : 17:32

छठ पूजा चौथा दिन (7 नवंबर)

छठ पूजा उषा अर्ध्यए परना

सूर्योदय का समय : 06:38
सूर्यास्त का समय : 17:32

इस महापर्व में चौथा दिन सबसे खास माना जाता है।