जानिए, आखिर क्यों हिन्दुओं के लिए खास है 'अक्षय तृतीया' का दिन?
वैशाख माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया 'अक्षय तृतीया' कहा जाता है। अक्षय का मतलब होता है कभी भी नष्ट न होने वाला।
नई दिल्ली:
वैशाख माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया 'अक्षय तृतीया' कहा जाता है। अक्षय का मतलब होता है कभी भी नष्ट न होने वाला। वैशाख महीने की तृतीया सभी कामों के लिए बहुत ज्यादा शुभ मानी जाती है। इस साल आज 'अक्षय तृतीया' है।
आज अक्षय तृतीया के पावन दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही यात्रा शुरू हो गई। यात्रा का शुभारंभ हर साल अक्षय तृतीया के दिन यमुनोत्री व गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ होता है।
आज प्रसिद्ध धाम के गंगोत्री और यमनोत्री के कपाट दोपहर 12:15 पर खोल दिए गए है। आज के दिन वृंदावन के श्री बांकी बिहारी के मंदर में उनके चरण दर्शन होंगे।
'अक्षय तृतीया' के पावन मौके पर लोग सोने के आभूषण और नया सामान खरीदते है।
'अक्षय तृतीया'का पर्व सिद्ध मुहूर्त माना जाता है जिसका मतलब यही कि इस दिन किसी मुहूर्त को देखने की जरूरत नहीं होती है। आज के दिन संपूर्ण रूप में शुद्ध और शुभ माना गया है लेकिन अगर आज पवित्र संयोग बन जाए तो शुभता में श्री वृद्धि हो जाती है।
'अक्षय तृतीया' शादी के साथ अन्य विशेष कार्यों के लिए भी शुभदायक होगी। 'अक्षय तृतीया' का दिन इतना आपके लिए शुभ और लाभकारी होगा। आज आप अपने हर शुभ कार्य की शुरुआत कर सकते हैं।
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शास्त्रों के अनुसार 'अक्षय तृतीया' पर्व के दिन स्नान, जप, दान आदि का अनंत फल मिलता है इसलिए भारतीय संस्कृति में इस तृतीया का बड़ा महत्व है। 'अक्षय तृतीया' के दिन ही पीतांबरा, नर-नारायण, हयग्रीव और परशुराम के अवतार हुए हैं, इसीलिए इस दिन इनकी जयंती मनाई जाती है।
क्यों मनाई जाती है 'अक्षय तृतीया'
भविष्यपुराण के अनुसार वैशाख पक्ष की तृतीया के दिन ही सतयुग तथा त्रेतायुग की शुरुआत हुई थी। भगवान विष्णु ने अक्षय तृतीया तिथि को हयग्रीव और परशुराम के रूप में अवतार लिया था इसीलिए इस दिन इनकी जयंती मनाई जाती है। आज से हिन्दू तीर्थ स्थल बद्रीनाथ के दरवाजे खोले जाते हैं। ब्रह्मा पुत्र अक्षय कुमार का जन्म भी आज के दिन हुआ था।
क्यों करते है सोने की खरीदारी
मान्यताओं के अनुसार भारतीय काल गणना के सिद्धांत से 'अक्षय तृतीया' के दिन त्रेता युग की शुरुआत हुई इसीलिए इसे सर्वसिद्ध तिथि के रूप में मान्यता मिली हुई है। परंपरा के अनुसार इस दिन सोना खरीदने की परंपरा है। मान्यता है कि इस दिन सोना खरीदने से घर में बरकत आती है। अगर आप सोना नहीं खरीद सकते तो चिंता कि कोई बात नहीं आप 'अक्षय तृतीया' के दिन अपनी क्षमता अनुसार जरूर दान करे।
दान का महत्व
'अक्षय तृतीया' के दिन दान करने का बड़ा महत्व है। इस दिन दान जरूर करना चाहिए। मान्यता है कि 'अक्षय तृतीया' के दिन दान करने से दान करने वाले व्यक्ति का आने वाला समय अच्छा होता है और उसे दुख दूर होते हैं। जीवन में परेशानियां कम होगी और आपको सुख-समृद्धि प्राप्त होगी। पुरखों की आत्मा को खुश करने के लिए घड़ा, कलश, छटा,पंखा,चावल, फल वस्त्र आदि का दान करें।
गंगा स्नान का महत्व
आज के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है ऐसी मान्यता है कि गंगा स्नान के बाद पूजन और दान करने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। गंगा स्नान करने से दुःख नष्ट हो जाते है।
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