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पंजाब के किसान कर्ज़ माफी और स्वामी नाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने कि लिए कर रहे हैं प्रदर्शन

स्वामीनाथन आयोग का गठन यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान ही हुआ था, ताकि किसानों को उनकी फसलों के लाभकारी समर्थन मूल्य दिए जा सकें। साल 2007 में आयोग ने यह रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप दी थी।

Updated on: 21 Jun 2017, 05:43 PM

highlights

  • पंजाब के किसान कर्ज़ माफी को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं
  • किसानों की मांग है कि राज्य सरकार उनका पूरा कर्ज़ माफ करे और स्वामीनाथन की सिफ़ारिशों को लागू करे
  • लुधियाना से गुजरने वाला एनएच-1 पर किसानों ने अपने कपड़े उतारकर प्रदर्शन किया

नई दिल्ली:

मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के बाद अब पंजाब के किसान कर्ज़ माफी को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। बुधवार को लुधियाना से गुजरने वाला एनएच-1 पर किसानों ने अपने कपड़े उतारकर प्रदर्शन किया।

किसानों की मांग है कि राज्य सरकार उनका पूरा कर्ज़ माफ करे और स्वामीनाथन की सिफ़ारिशों को लागू करे।

बता दें स्वामीनाथन आयोग का गठन यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान ही हुआ था, ताकि किसानों को उनकी फसलों के लाभकारी समर्थन मूल्य दिए जा सकें। साल 2007 में आयोग ने यह रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप दी थी।

इस रिपोर्ट में यह सिफारिश की गई है कि किसान की फसल की लागत में उसका 50 पर्सेंट लाभ जोड़कर समर्थन मूल्य तय किया जाए। साथ ही इससे किसानों के लिए घाटे का सौदा बनी खेती से मुनाफा मिल सके।

पंजाब के किसानों को अमरिंदर सिंह का तोहफा, 2 लाख रुपये तक की कर्जमाफी का ऐलान

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पहले ही अपने चुनावी घोषणा के अनुरुप छोटे और सीमांत किसानों के समूचे कृषि ऋण पर कुल छूट की घोषणा कर चुकी है। छोटे और सीमांत किसानों (5 एकड़ तक) के लिए 2 लाख रुपये तक की कर्जमाफी की गई है तथा अन्य सीमांत किसानों के लिए उनके कुल कर्ज पर 2 लाख रुपये तक की छूट दी गई है।

पंजाब विधानसभा में अपने भाषण के दौरान इसकी घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कदम से राज्य के कुल 18.5 लाख किसानों में से 10.25 लाख किसानों को लाभ होगा, जिनमें 8.75 लाख किसानों की जमीन 5 एकड़ से कम है।

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