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एग्जिट पोल 2017: पंजाब में अगर बनी 'आप' की सरकार, तो केजरीवाल होंगे सीएम के दावेदार!

नतीजे आने में महज कुछ ही घंटे बाकी हैं, ऐसे में हर किसी की निगाहें अपना अपना अस्तित्व तलाशने में जुट गई हैं।

Updated on: 10 Mar 2017, 02:24 PM

highlights

  • आम आदमी पार्टी को भरोसा है कि वह साल 2014 में हुए संसदीय चुनावों की तरह ही बेहतर प्रदर्शन कर पंजाब की सत्ता पर अपनी धाक जमाने में कामयाब हो पाएगी
  • दिल्ली के मुख्यमंत्री और 'आप' पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल शुरू से ही पंजाब में अपना अस्तित्व तलाशने में जुटे हुए थे 

नई दिल्ली:

पांच राज्यों में चुनावों पर पर्दा गिरने के बाद गुरुवार को होली से पहले आए एग्जिट पोल के नतीजों ने हलचल पैदा कर दी है। विशेषकर पंजाब को लेकर आए एग्जिट पोल के आंकड़ों ने राज्य के अगले मुख्यमंत्री को लेकर अटकलों को हवा दी है।

एग्जिट पोल की मानें तो पंजाब में 'आप' की सरकार बनना तय माना जा रहा है। दिल्ली की सत्ता से अपना सियासी सफर तय करने वाली आम आदमी पार्टी यहां बीजेपी के साथ गठबंधन में सत्ताधारी शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस को चारों खाने चित करते हुए आगे बढ़ती हुई नजर आ रही है।

ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि राज्य में यदि 'आप' पार्टी से सीएम बनता है, तो वह चेहरा कौन होगा? हाल ही में अरविंद केजरीवाल को पंजाब का सीएम बनने की खबरे आई थी लेकिन इन अटकलों पर विराम लगाते हुए उन्होंने कहा था कि वह राज्य की बागडोर नहीं संभालेंगे। केजरीवाल ने साफ कर दिया था कि पंजाब का मुख्यमंत्री पंजाब से ही होगा।

मनीष सिसोदिया ने लगाई थी मुहर

यह सवाल पंजाब के मोहाली में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और केजरीवाल के सबसे करीबी माने जाने वाले मनीष सिसोदिया के दिए बयान के बाद खड़े हुए थे। मोहाली में एक चुनावी रैली में मनीष सिसोदिया ने कहा था कि आप ये समझ कर वोट दें कि आप अरविंद केजरीवाल को ही वोट दे रहे हो, वहीं सीएम होंगे, आपका वोट केजरीवाल के नाम पर है।

इतना ही नहीं सिसोदिया ने इसके साथ ही कहा था ​कि पंजाब में चुनाव जीतने के बाद चाहे कोई भी मुख्यमंत्री हो, लेकिन अरविंद केजरीवाल ही काम पूरा करके दिखाएंगे। सिसोदिया के इस बयान से अटकलों का बाजार एक बार फिर से गर्म हो गया है कि क्या अगर आम आदमी पार्टी पंजाब में चुनाव जीत जाती है तो केजरीवाल दिल्ली की गद्दी छोड़कर पंजाब की कमान संभालेंगे। या फिर वो सुपर सीएम की तरह होंगे जो दिल्ली में बैठकर ही पंजाब की सत्ता पर भी अपना कंट्रोल रखेंगे।

वैसे भी दिल्ली में केजरीवाल बिना किसी पोर्टफोलियो के मुखयमंत्री हैं। और दूसरा पंजाब में केजरीवाल पार्टी के प्रचार अभियान का मुख्य चेहरा रहे हैं। यह दोनों बातें उन्हें सीएम पद के उम्मीदवार की दौड़ में सबसे आगे बनाती है। 

अरविंद केजरीवाल अपनी पार्टी के एक मात्र ऐसे नेता हैं जो लोगों के बीच लोकप्रिय हैं, ऐसे में केजरीवाल ज्यादातर समय संगठन के विस्तार पर ही लगाते हैं और अप्रत्यक्ष तौर पर सिसोदिया उनकी जगह दिल्ली की कमान संभाले रखते हैं। पंजाब में चुनाव जीतने पर केजरीवाल के सीएम बनने की बात पहले भी सामने आ चुकी है। हालांकि, जिस वक्त ये बातें हो रही थी उस वक्त आम आदमी पार्टी ने कहा था कि ऐसा कुछ नहीं होगा और उनके पास पंजाब में भी कई काबिल नेता हैं।

रंग लाई आप की मेहनत!

एग्जिट पोल 2017 की माने तो उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर, गोवा में बीजेपी की बढ़त को दिखाया जा रहा है, वहीं पंजाब में आम आदमी पार्टी की मेहनत रंग लाते हुए दिख रही है। साथ ही कई सर्वे कांग्रेस और आप के बीच कांटे की टक्कर बता रहे हैं।

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भगवंत मान भी दौ़ड़ में

आम आदमी पार्टी में संगरूर से पार्टी के सांसद भगवंत मान को भी सीएम पद का दावेदार माना जा रहा है। भगवंत को हर मुद्दे को लोकसभा मे चर्चा करते हुए देखा गया है। इसके साथ ही वह केजरीवाल के सबसे विश्वसनीय माने जाते हैं। सबसे बड़ी बात वह केजरीवाल के इस बयान के काफी करीब बैठते हैं, कि पंजाब का मुख्यमंत्री पंजाब से ही होगा।

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पंजाब में त्रिकोणीय संघर्ष 

हालांकि कई एग्जिट पोल के सर्वे मे पंजाब में त्रिकोणीय संघर्ष दिखाया जा रहा है। वहीं दिल्ली की सत्ता का स्वाद चखने के बाद से आम आदमी पार्टी आत्मविश्वास से लबरेज दिख रही है।

पार्टी को भरोसा है कि वह साल 2014 में हुए संसदीय चुनावों में उसे जो सफलता मिली थी, वो उससे बेहतर प्रदर्शन कर पंजाब की सत्ता पर अपनी धाक जमाने में कामयाब हो पाएगी। 2014 लोकसभा चुनाव की तरह पंजाब में इस बार मोदी की लहर कोई खास कमाल नहीं दिखा पाई है।

रविवार को नतीजे होंंगे घोषित 

राज्य की कुल 13 लोकसभा सीटों में से 'आप' ने 4 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि एक सीट पर पार्टी कुछ वोटों के कारण दूसरे स्थान पर आई थी। दरअसल, यह विश्लेषण एग्जिट पोल के आए नतीजों के आधार पर किया गया है, लेकिन रविवार को नतीजे घोषित होने के बाद स्पष्ट हो पाएगा कि सत्ता पर कौन काबिज होता है।

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