logo-image

उपग्रह प्रक्षेपण के लिए इसरो तैयार, मौसम की मिलेगी सटीक जानकारी

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अंतरिक्ष में एक और उड़ान भरने के लिए तैयार है। इसरो की उड़ान सफल रही तो लोगों को मौसम के बारे में और ज्यादा सटीक जानकारी मिलने लगेगी। मौसम के बारे में सटीक जानकारी मिलने के बाद किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा के बारे में पहले ही जानकारी मिल जाएगी।

Updated on: 08 Sep 2016, 12:07 PM

New Delhi:

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अंतरिक्ष में एक और उड़ान भरने के लिए तैयार है। इसरो की उड़ान सफल रही तो लोगों को मौसम के बारे में और ज्यादा सटीक जानकारी मिलने लगेगी। मौसम के बारे में सटीक जानकारी मिलने के बाद किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा के बारे में पहले ही जानकारी मिल जाएगी।

इसरो अपना चौथा स्वदेशी मौसम उपग्रह इनसेट-3डीआर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन केंद्र से लॉन्च किया जाएगा। इसरो पहली बार अधिक एडवांस्ड स्वदेशी क्रायोजेनिक (क्रायोजेनिक अपर स्टेज) इंजन के जरिये अधिक वजनी उपग्रह भेजेगा।

सफल लॉन्चिंग के बाद इस उपग्रह से डाटा रिले ट्रांसपोंडर और सर्च रेस्क्यू ट्रांसपोंडर के जरिये बचाव अभियानों में भी इसकी मदद ली जा सकती है।

क्या है उपग्रह की खूबियां

मौसम की सूचना और भी ज्यादा सटीक होगी
मौसम संबंधी जानकारी जल्द से जल्द मिलेगी
रात में भी मौसम के बारे में मिलेगी जानकारी
बादल छाए रहने पर भी मिलेगी सटीक जानकारी
उपग्रह में है छह चैनल इमेजर और 19 चैनल साउंडर
समुद्र के तापमान को भी मापाने में मिलेगी मदद
राहत और बचाव अभियानों के बारे में मिलेगी जानकारी
सोलर पैनल के जरिए 1,700 वाट तक का बनाएगी ऊर्जा

उपग्रह की खास बातेंः-

सतीश धवन स्पेस सेंटर से किया जाएगा लॉन्च
2,211 किग्रा है इनसेट-3डीआर उपग्रह का वजन
इनसेट-3डीआर के जरिए किया जा रहा है लॉन्च

क्यों खास है जीएसएलवीः-

2.5 टन वजनी उपग्रह को भी आसानी से ढो सकता है
जीएसएलवी की यह दसवीं उड़ान है
यह तीन स्टेज (हिस्सों) वाला रॉकेट है
यह इनसेट-3डीआर को जियोस्टेशनरी ट्रांसफर ऑर्बिट तक पहुंचाएगा

इससे पहले तीन उपग्रह को कर चुका है लॉन्च

इसरो का यह चौथा स्वदेशी मौसम उपग्रह है। इससे पहले 2002 में कल्पना-1, 2003 में इनसेट-3ए और 2013 में इनसेट-3डी नामक स्वदेशी मौसम उपग्रह इसरो लांच कर चुका है।