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झारखंड: महिलाओं के लिए राज्य सरकार का तोहफ़ा, 50 लाख़ की प्रॉपर्टी खरीदने पर 1 रुपए का रजिस्ट्री शुल्क

मंगलवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया।

Updated on: 14 Jun 2017, 12:19 PM

highlights

  • राज्य में महिलाएं अगर 50 लाख रुपये तक की ज़मीन या संपत्ति की खरीदारी करती हैं तो उन्हें महज़ 1 रुपये का रजिस्ट्री शुल्क देना होगा
  • महिलाओं को भूमि या संपत्ति के पंजीकरण में यह लाभ सिर्फ एक निबंधन पर ही प्राप्त होगा

नई दिल्ली:

झारखंड की महिलाओं के लिए राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण क़दम उठाया है। नए फैसले के तहत अब राज्य में महिलाएं अगर 50 लाख रुपये तक की ज़मीन या संपत्ति की खरीदारी करती हैं तो उन्हें महज़ 1 रुपये का रजिस्ट्री शुल्क देना होगा।

मंगलवार को झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया।

मीडिया प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री रघुबर दास ने पिछले महीने ही इस बारे में घोषणा कर दी थी। घोषणा के अनुसार मंत्रिमंडल ने महिला सशक्तिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण क़दम उठाया है। राज्य सरकार के इस निर्णय के बाद अब राज्य में कहीं भी 50 लाख रुपये तक की ज़मीन या संपत्ति की रजिस्ट्री के लिए महिलाओं को टोकन मनी के रूप में मात्र 1 रुपये देना होगा।

सरकार को उम्मीद है कि इस फैसले के बाद राज्य में महिलाओं के नाम पर काफी सारी संपत्ति का पंजीकरण होगा।

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हालांकि राज्य सरकार के प्रवक्ता ने ये साफ़ कर दिया है कि महिलाओं को भूमि या संपत्ति के पंजीकरण में यह लाभ सिर्फ एक निबंधन पर ही प्राप्त होगा।

मंगलवार को सरकार ने कई अन्य महत्वपूर्ण फैसले भी लिए। किसानों को वर्तमान वित्तीय वर्ष में कृषि ऋणों पर ब्याज अनुदान दिया जाएगा और इसके लिए मंत्रिमंडल ने 40 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है।

मौजूदा समय में राज्य के किसानों को चार फीसदी की दर पर कर्ज दिया जाता है।

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राज्य मंत्रिमंडल ने इसके लिए 40 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। सरकार कर्ज के ब्याज का तीन फीसदी का वहन करेगी। यह फैसला कथित तौर पर एक किसान के कर्ज के बोझ से आत्महत्या करने के बाद लिया गया है।

इसके अनुसार, वित्तीय वर्ष 2016-17 में जिन किसानों ने किसान क्रेडिट कार्ड से कर्ज लिया था और वह एक साल के अंदर इसे चुकायें हों, तो उन्हें सिर्फ एक प्रतिशत की दर से सूद का भुगतान करना होगा।

साथ ही केंद्र प्रायोजित प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राज्य सरकार ने शहरी क्षेत्रों में लोक निजी भागीदारी में 40,000 आवासों के निर्माण की भी स्वीकृति दी है।

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