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यहां भाई-बहनों की होती है शादी.. इनकार किया तो होगी सजा! जानें ध्रुवा जनजाति की अजीब प्रथा

भारत में भाई-बहन के रिश्ते को बहुत सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है. हमारी संस्कृति में बड़ी बहन को मां के समान होती है. जबकि छोटी बहन बेटी के समान होती है. लेकिन क्या हो अगर आपको मालूम चले कि, भारत में एक स्थान ऐसा भी है.

Updated on: 27 Feb 2024, 05:54 PM

नई दिल्ली :

भारत में भाई-बहन के रिश्ते को बहुत सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है. हमारी संस्कृति में बड़ी बहन को मां के समान होती है. जबकि छोटी बहन बेटी के समान होती है. लेकिन क्या हो अगर आपको मालूम चले कि, भारत में एक स्थान ऐसा भी है, जहां भाई-बहन आपस में शादी करते हैं. जी हां.. भारत के मध्य में स्थित राज्य छत्तीसगढ़ एक एक सघन वन राज्य है, जो अपने मंदिरों और झरनों के लिए दुनियाभर में पहचाना जाता है. ये एक आदिवासी बहुल राज्य हैं, जहां धुरुआ नाम की एक जनजाति रहती है. इस जनजाति की अनोखी बात ये है कि, यहां भाई बहन एक दूसरे से शादी करते हैं.

गौरतलब है कि, अपने ही भाई-बहन से शादी करने का ये सिलसिला कोई एक-दो दशक पुराना नहीं, बल्कि सदियों से चला आ रहा है. हालांकि ऐसा करने के पीछे इस जनजाति का एक महत्वपूर्ण तर्क भी है. इनका कहना है कि, वह अपनी जनजाति की संख्या में वृद्धि करने के लिए इस तरह के रीति रिवाज पालन करते हैं. ऐसा करने से उनकी संख्या में इजाफा होता है. 

वहीं इस सिलसिले को बरकरार न रखने की कोशिश पर कड़ी सजा का भी प्रावधान है. दरअसल इस समुदाय में ये नियम भी है कि, अगर कोई अपनी बहन या भाई से शादी करने से इनकार करता है, तो उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाती है. हालांकि ये भी सत्य है कि, इस तरह की कुप्रथा हमारी संस्कृति पर एक कलंक है, मगर बावजूद इसके इस धुरुआ जनजाति के लोग अपने स्वार्थ को साधने के लिए खुल्लम खुल्ला ऐसे कुकृत्य करते हैं, जिससे हमारे समाज पर दुष्प्रभाव पड़ता है.

ज्ञात हो कि, भारतीय परंपरा में विवाह व्यवस्था का बहुत महत्व है. न सिर्फ जाती और धर्म, बल्कि इसके साथ-साथ गोत्र जैसी तमाम तरह की अन्य बारीक चीजों का भी ध्यान रखा जाता है. दरअसल , गोत्र मिलने से भी लड़के लड़की की शादी होना मुश्किल हो जाती है. मान्यता है कि गोत्र मिलने से लड़के लड़की भाई-बहन हो सकते हैं, जो शादी के लिए उपयुक्त नहीं है. लिहाजा इस बात का ध्यान भारत की लगभग सभी जगहों पर रखा जाता है.