मोस्ट वांटेड नागा उग्रवादी संगठन प्रमुख खापलांग का निधन
नागा विद्रोही समूह एनएससीएन-के का अध्यक्ष एस एस खापलांग का निधन हो गया है। खापलांग ने शुक्रवार की रात म्यांमार के कचिन राज्य के टक्का में आखिरी सांस ली।
नई दिल्ली:
नागा विद्रोही समूह एनएससीएन-के का अध्यक्ष एस एस खापलांग का निधन हो गया है। खापलांग ने शुक्रवार की रात म्यांमार के कचिन राज्य के टक्का में आखिरी सांस ली।
77 साल के खापलांग की मौत हार्ट अटैक के चलते हुई है। खापलांग विद्रोही समूह का नेता था और मणिपुर में सेना के 18 जवानों को मारने सहित सुरक्षा बलों पर कई हमलों का मास्टरमाइंड भी था।
ख़बरों के मुताबिक नेशनलिस्ट सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (खापलांग) के नेता का निधन दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुआ। वह कुछ समय से बीमार भी थे। शांगवांग खापलांग म्यांमार के हेमी नागा थे और उनका ज्यादातर समय उसी देश में गुजरा।
एनएससीएन का यह गुट 1980 के दशक से सुरक्षा बलों पर हमले, जबरन धन वसूली और लूटपाट जैसी विध्वंसक गतिविधियों में लिप्त रहा था। इससे पहले साल 2015 की 4 जून को मणिपुर में सेना पर घात लगा कर किए गए हमले में एनएससीएन-के का हाथ था।
जम्मू-कश्मीर: सीमा पर सेना आतंकियों के बीच संघर्ष, ऑपरेशन जारी
सेना पर हुए इस हमले में 18 जवान मारे गए थे। इसके बाद भारतीय सेना ने सीमा पार जा कर म्यांमार के अंदर स्थित एनएससीएन-के कई शिविरों पर हमला किया जिसमें कई उग्रवादी मारे गए थे।
यह गुट केंद्र सरकार के साथ शांति वार्ता की बातचीत में लगा था जब इसने इस घटना को अंजाम दिया था। इसके बाद सरकार ने समूह से बातचीत बंद कर दी थी और साल 2015 सितंबर में एनएससीएन-के पर पांच साल का प्रतिबंधि लगा दिया था।
म्यांमार के पांगसाउ पास के पूर्व में स्थित वाकथाम गांव में अप्रैल 1940 में जन्मे खापलांग 1964 में नागा राष्ट्रवादी आंदोलन से जुड़े थे और एनएससीएन का गठन करने वाले प्रमुख लोगों में से एक थे। साल 1988 में खापलांग अलग हो गए और अपना गुट एनएससीएन-के बना लिया था।
राम मंदिर निर्माण: विहिप के निशाने पर मोदी सरकार, आंदोलन की दी धमकी
खपलांग और केंद्र सरकार के बीच 1997 में संघर्ष विराम हुआ, लेकिन 28 मार्च 2015 को यह निरस्त हो गया था। इस बीच, नागा पीपुल्स मूवमेंट फॉर ह्यूमन राइट्स
(एनपीएमएचआर) के महासचिव नीनगुलो क्रोम ने कहा कि खापलांग के आकस्मिक निधन से वह स्तब्ध हैं। उन्होंने कहा कि यह ऐसे समय पर हुआ है जब नागा लोगों को उनके राष्ट्रीय आंदोलन के नेताओं के अनुभव की बहुत जरूरत है ताकि नागाओं के भविष्य को सही दिशा मिल सके।
चैंपियन ट्रॉफी: इन 5 बातों पर दिया ध्यान तो साउथ अफ्रीका के खिलाफ जीत पक्की
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Good Friday 2024: क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे, जानें प्रभु यीशु के बलिदान की कहानी
-
Sheetala Ashtami 2024: कब है 2024 में शीतला अष्टमी? जानें पूजा कि विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व
-
Chaitra Navaratri 2024: भारत ही नहीं, दुनिया के इन देशों में भी है माता के शक्तिपीठ
-
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार देश का शासक कैसा होना चाहिए, जानें