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पीवी सिंधु ने बनाया वर्ल्ड बैडमिंटन में अपना दबदबा, जानिए बड़े रिकॉर्ड्स

इसी साल अप्रैल में पीवी सिंधु ने फाइनल में कैरोलिना मारिन को हराकर इंडिया ओपन सुपर सीरीज का खिताब भी अपने नाम किया था। जानिए पीवी सिंधु के अंतर्राष्ट्रीय बैडमिंटन में स्थापित किए गए कुछ बड़ी उपलब्धियों और रिकॉर्ड्स को

Updated on: 18 Sep 2017, 12:05 AM

highlights

  • इसी साल अप्रैल में पीवी सिंधु ने इंडिया ओपन सुपर सीरीज का खिताब अपने नाम किया
  • सिंधु ने 2013 और 2014 के वर्ल्ड चैंपियनशिप में लगातार दो बार कांस्य पदक जीतीं
  • साल 2016 में राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड भी मिल चुका है पीवी सिंधु को

नई दिल्ली:

कोरिया ओपन सुपरसीरीज अपने नाम करने के बाद पीवी सिंधु ने बैडमिंटन के कोर्ट पर एक बार फिर अपनी छाप छोड़ी है। पिछले कुछ सालों से बैडमिंटन के कोर्ट में चीनी खिलाड़ियों के दबदबे को भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों ने बहुत हद तक कम किया है।

रविवार को सियोल में हुए फाइनल मुकाबले में सिंधु ने हाल ही में वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में जापानी खिलाड़ी नोजोमी ओकुहारा से हार का बदला ले लिया। सिंधु ने एक घंटे और 24 मिनट तक चले इस फाइनल मुकाबले में ओकुहारा को 22-20, 11-21, 21-18 से पराजित कर दिया।

भारतीय बैडमिंटन स्टार सायना नेहवाल और पीवी सिंधु ने पिछले कुछ सालों में वर्ल्ड बैडमिंटन में अपना दबदबा कायम किया है। पीवी सिंधु ने 2016 में ओलंपिक रजत जीतने के बाद अपनी अलग पहचान बना ली है।

इसी साल अप्रैल में पीवी सिंधु ने फाइनल में कैरोलिना मारिन को हराकर इंडिया ओपन सुपर सीरीज का खिताब भी अपने नाम किया था।

जानिए पीवी सिंधु के अंतर्राष्ट्रीय बैडमिंटन में स्थापित किए गए कुछ बड़ी उपलब्धियों और रिकॉर्ड्स को...

1. पीवी सिंधु पहली भारतीय खिलाड़ी हैं, जिन्होंने विश्व चैंपियनशिप में तीन मेडल अपने नाम किए हैं। सिंधु ने 2013 और 2014 के वर्ल्ड चैंपियनशिप में लगातार दो बार कांस्य पदक जीतीं। इस साल सिंधु ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में जापानी खिलाड़ी से हारने के बाद रजत पदक अपने नाम की थी।

2. पीवी सिंधु के नाम एक खास रिकॉर्ड वर्ल्ड चैंपियनशिप को लेकर ही है। वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिंधु ने चीनी खिलाड़ियों के सामने कभी भी हार का सामना नहीं किया है। चैंपियनशिप में अब तक हुए 6 बार के मुकाबलों में सिंधु ने 6 बार चीनी खिलाड़ियों को पराजित किया है।

3. पीवी सिंधु के नाम बैडमिंटन के इतिहास का दूसरा सबसे लम्बा और वर्ल्ड चैंपियनशिप टूर्नामेंट का सबसे लम्बा मैच खेलने का रिकॉर्ड है। वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में सिंधु और ओकुहारा ने 110 मिनट का लंबा मैच खेला था। इससे सिंधु की क्षमता और बैडमिंटन के प्रति प्रेम का पता चलता है।

4. पीवी सिंधु पहली भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं, जिनके नाम ओलंपिक और वर्ल्ड चैंपियनशिप दोनों के फाइनल में पहुंचने का रिकॉर्ड है। रियो में मेडल जीतकर सिंधु ओलंपिक मेडल जीतने वाली 5वीं भारतीय महिला बनी थी।

5. रियो ओलंपिक में रजत पदक जीतने के तुरंत बाद सिंधु ने पिछले साल नवंबर में चाइना ओपन जीतकर लगातार अपना दबदबा बनाए रखीं। इससे पहले 2014 में साइना नेहवाल और किदांबी श्रीकांत ने महिला और पुरुष सिंगल्स में यह खिताब हासिल किया था। चाइना ओपन अपने नाम करने वाली सिंधु तीसरी भारतीय खिलाड़ी बनी। सबसे खास बात यह है कि पिछले 30 सालों में इस टूर्नामेंट में महिला सिंगल्स का खिताब हासिल करने वाली सिंधु तीसरी नॉन- चाइनीज खिलाड़ी भी हैं।

इसके अलावा सिंधु को अपने बेहतरीन खेल के लिए साल 2013 में प्रसिद्ध अर्जुन अवार्ड, 2015 में पद्मश्री अवार्ड और साल 2016 में राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड भी मिल चुका है।

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