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मल्लिकार्जुन खड़गे ने की SC/ST Act बिल को जल्द लाने की मांग, जवाब में बोले राजनाथ सिंह- इसी सत्र में लाने जा रहे हैं बिल

केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए खड़गे ने कहा कि सरकार चार महीने तक ऑडिनेंस क्‍यों नहीं लाई। क्या सरकार SC-ST के हितों की अनदेखी कर सो रही थी?

Updated on: 02 Aug 2018, 02:15 PM

नई दिल्ली:

कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को लोकसभा में एससी/एसटी एक्ट (SC/ST Act) बिल को जल्द लाने की मांग की है। केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए खड़गे ने कहा कि सरकार चार महीने तक ऑर्डिनेंस क्‍यों नहीं लाई। क्या सरकार SC-ST के हितों की अनदेखी कर सो रही थी?

जिसके जवाब में राजनाथ सिंह ने कहा, 'हम इसी सत्र में बिल लाने जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने बुधवार को बिल को मंजूरी दे दी है।'

बता दें कि एससी/एसटी एक्ट (SC/ST Act) पर बीजेपी और एनडीए के सहयोगी दलों के दलित सांसदों की बढ़ती नाराजगी और दबाव के बीच मोदी सरकार ने इस पर संसद में संशोधन बिल लाने का फैसला किया है। यह संशोधन बिल इसी मॉनसून सत्र में लाया जाएगा।

बिल के लोकसभा और राज्सभा से पास होने के बाद एससी/एसटी एक्ट (SC/ST Act) को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले वाली स्थिति में ही लागू किया जाएगा। केंद्र सरकार ने इस फैसले के बाद दलित संगठनों से 9 अगस्त से प्रस्तावित भारत बंद को रद्द करने का आग्रह किया है

गौरतलब है कि एससी/एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मोदी सरकार पर एनडीए के सहयोगी दल लगातार इसे पहले वाली स्थिति में लागू करने की मांग कर रहे थे।

अविश्वास प्रस्ताव के दिन बिहार के बड़े दलित नेता और एनडीए में सहयोगी लोकजन शक्ति पार्टी के मुखिया रामविलास पासवान ने सदन को भरोसा दिलाया था कि SC/ST एक्ट पर जरूरत पड़ी तो सरकार इसके लिए अध्यादेश या संशोधन बिल ला सकती है।

गौरतलब है कि एलजेपी सहित, आरपीआई जैसी पार्टियों ने सरकार से इस पर रुख साफ करने की मांग की थी।

SC/ST एक्ट पर क्या था सुप्रीम कोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल में एससी/एसटी एक्ट (SC/ST Act) के मामले में दाखिल एक याचिका पर सुनवाई करते हुए इस एक्ट के तहत आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही एससी/एसटी एक्ट तहत दर्ज केसों में अग्रिम जमानत की भी मंजूरी दे दी थी।

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फैसले को लेकर कोर्ट ने कहा था कि इस कानून के तहत दर्ज मामलों में तुरंत गिरफ्तारी की जगह पुलिस को 7 दिन के भीतर जांच करनी चाहिए और फिर इस पर कोई कार्रवाई करनी चाहिए। इसके साथ ही अपने आदेश में कोर्ट ने यह भी कहा था कि किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी अपॉइंटिंग अथॉरिटी की बिना मंजूरी नहीं की जा सकती। गैर सरकारी कर्मी की गिरफ्तारी के लिए एसएसपी की मंजूरी की भी जरूरत होगी।