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अविश्वास प्रस्ताव: मोदी सरकार की अग्नि परीक्षा आज, चर्चा के लिए 11 घंटे का समय

सरकार अविश्वास प्रस्ताव गिरने को लेकर आश्वस्त है वहीं यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी अपने पास संख्याबल होने का दावा कर रही है।

Updated on: 19 Jul 2018, 11:29 PM

नई दिल्ली:

मोदी सरकार अपने चार साल के कार्यकाल में आज (शुक्रवार) पहली बार लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करेगी।

सरकार अविश्वास प्रस्ताव गिरने को लेकर आश्वस्त है वहीं यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी अपने पास संख्याबल होने का दावा कर रही है।

सरकार की तरफ से केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि हम अविश्वास प्रस्ताव पर विपक्ष को करारा जवाब देने के लिए तैयार हैं। हम इसे हराने के लिए 100 प्रतिशत आश्वस्त हैं। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(एनडीए) एकजुट है और हमारे सदस्य प्रस्ताव के खिलाफ वोट देंगे।

वहीं अविश्वास प्रस्ताव लाने के पीछे विपक्ष के इरादों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह उनका 'लोकतांत्रिक अधिकार' है।

इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने बुधवार को विपक्षी दलों द्वारा नरेंद्र मोदी सरकार के विरुद्ध लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।

प्रश्नकाल के बाद मुद्दे पर महाजन ने कहा कि उन्हें केंद्रीय मंत्रिपरिषद में विश्वास की कमी व्यक्त करते हुए विपक्षी सांसदों के नोटिस प्राप्त हुए हैं और यह उनका कर्तव्य है कि वह इसे सदन में विचार के लिए रखें।

वहीं कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने अविश्वास प्रस्ताव वाले दिन (शुक्रवार) अपने सभी सांसदों के सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया है।

अविश्वास प्रस्ताव को लेकर बताया जा रहा है कि शुक्रवार को 11 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू होगी लेकिन प्रश्नकाल और लंच नहीं होगा। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए सात घंटे का समय तय किया गया है जिसमें सरकार की ओर से पांच बड़े नेता और मंत्री हिस्सा लेंगे।

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शुक्रवार को बहस के लिए बीजेपी (273) को 3 घंटा 33 मिनट, कांग्रेस (48) को 38 मिनट, एआईएडीएमके (37) को 29 मिनट, तृणमूल कांग्रेस (34) को 27 मिनट, बीजेडी (19) को 15 मिनट, शिवसेना (18) को 14 मिनट, टीडीपी (16) को 13 मिनट, टीआरएस (11) को 9 मिनट, सीपीएम (9) को 7 मिनट, एनसीपी (7) को 6 मिनट, एसपी (7) को 6 मिनट और एलजीएसपी (6) को 5 मिनट का समय दिया है।

क्या है लोकसभा का गणित

अंकगणित के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पास कुल 273 सांसद हैं। वहीं अगर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सभी सहयोगियों को मिला दिया जाए तो आंकड़ा 310 के पार चला जाता है।

वहीं संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के पास मात्र 63 सांसद हैं। जबकि अन्य दलों के कुल 157 सासंद है। आंकड़ो के मुताबिक अगर सभी विपक्षी दलों को मिला भी दिया जाए तो भी सरकार के लिए कोई ख़तरा नज़र नहीं आता।

हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि वोटिंग के दौरान एआईएडीएमके के 37 और टीआरएस के 11 सांसद सदन में अनुपस्थित रहेंगे। ऐसे में बीजेपी के लिए कहीं से कोई ख़तरा नज़र नहीं आता।

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