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राफेल डील: राहुल के आरोप पर फ्रांस का जवाब, सूचना गोपनीय रखने का करार

फ्रांस सरकार ने राहुल के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि दोनों देशों में सूचना गोपनीय रखने का करार है और इसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है।

Updated on: 20 Jul 2018, 07:36 PM

नई दिल्ली:

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा लोकसभा में मोदी सरकार पर राफेल डील को लेकर झूठ फैलाने के आरोप को लेकर फ्रांस की तरफ से प्रतिक्रिया आई है।

फ्रांस सरकार ने राहुल के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि दोनों देशों में सूचना गोपनीय रखने का करार है और इसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है।

फ्रांस की तरफ से राहुल के आरोप पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा गया है कि 'राहुल गांधी ने आज जो कुछ भी सदन के अंदर कहा है उसे सूचीबद्ध कर लिया गया है। फ्रांस और भारत के बीच 2008 में एक सुरक्षा समझौता हुआ था जिसके मुताबिक दोनों देश डील की गोपनियता को बनाए रखने के लिए बाध्य हैं। ऐसा नहीं करने से रक्षा हथियार के सुरक्षा और परिचालन क्षमता पर असर पड़ सकता है। ठीक वही शर्त 23 सितम्बर 2016 को राफेल एयरक्राफ्ट और उसके हथियार को लेकर हुए आईजीए (इंटरगवर्मेंटल एग्रीमेंट) समझौते में भी लागू होता है।'

बयान में इंडिया टुडे ग्रुप को दिये गए इंटरव्यू का ज़िक्र करते हुए कहा गया, 'फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने 9 मार्च 2018 को इंटरव्यू में भी कहा था कि फ्रांस और भारत के बीच की यह डील काफी संज़ीदा और गोपनीय है। इसलिए हम इसे सार्वजनिक नहीं कर सकते।'

हालांकि राहुल गांधी ने फ्रांस के जवाब पर कहा, 'अगर वो इंकार कर रहे हैं तो करने दीजिए। फ्रांस के राष्ट्रपति ने हमारे सामने यह बात कही है। मेरे अलावा आनंद शर्मा और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह भी वहां मौजूद थे।' 

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बता दें कि राहुल गांधी ने आरोप लगाते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दबाव में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने राफेल डील को लेकर देश से झूठ बोला है।

जिसके जवाब में रक्षा मंत्री ने कहा कि जब कांग्रेस की सरकार थी उस समय तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी ने फ्रांस की सरकार के साथ सीक्रेसी अग्रीमेंट्स किया था। उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस के अध्यक्ष जब फ्रेंच प्रेजिडेंट से मिले तो क्या बात हुई, नहीं पता।

आपको बता दें कि पूरा मामला राफेल की कीमत को लेकर है। कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार ने प्लेन की कीमत बढ़ा दी।

राहुल गांधी ने कहा कि राफेल डील में उनकी सरकार ने 520 करोड़ रुपये प्रति प्लेन में डील की थी, पता नहीं क्या हुआ किससे बात हुई और पीएम फ्रांस गए और जादू से हवाई जहाज की कीमत 1600 करोड़ प्रति प्लेन हो गई।

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