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इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड संशोधन को राष्ट्रपति ने दी मंजूरी, फ्लैट खरीदारों को मिलेगी राहत

इस संशोधन को मंज़ूरी मिलने का मतलब है कि अगर कोई रीयल एस्टेट कंपनी दिवालिया हो जाती है तो उसकी संपत्ति नीलाम की जाएगी और उससे जुटाई गई राशि का एक हिस्सा घर खरीदारों को मिलेगा।

Updated on: 06 Jun 2018, 07:55 PM

नई दिल्ली:

बिल्डरों के जाल से आम लोगों को राहत दिलाने के लिए राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को चर्चित दिवालिया कानून (इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड) संशोधन अध्‍यादेश 2018 को मंजूरी दे दी।

इस संशोधन को मंज़ूरी मिलने का मतलब है कि अगर कोई रीयल एस्टेट कंपनी दिवालिया हो जाती है तो उसकी संपत्ति नीलाम की जाएगी और उससे जुटाई गई राशि का एक हिस्सा घर खरीदारों को मिलेगा।

कॉर्पोरेट मंत्रालय ने इस बारे में ज़्यादा जानकारी देते हुए कहा, 'इस संशोधन के बाद से फ्लैट के ख़रीदार बैंक ही की तरह कर्ज़ देने वाले के तौर पर जाने जाएंगे। यानि की वो वित्तीय लेनदार होंगे, इतना ही नहीं किसी तरह के निर्णय लेने से पहले उनसे राय-मशवरा करना ज़रूरी होगा। फ़्लैट ख़रीदारो में से जिसका कर्ज़ ज़्यादा होगा यानि जिसने ज़्यादा पैसा ख़र्च किया है उनकी निर्णय लेने के दौरान वोट शेयरिंग और सौदा-शक्ति ज़्यादा होगी।'

ज़ाहिर है पहले के क़ानून के मुताबिक कंपनी के दिवालिया होने पर कर्ज़ देने वाले बैंकों को ही हिस्सा मिलता था, खरीदार के हाथ कोई रकम नहीं आती थी। वहीं नए संशोधन के मंज़ूरी मिलने के बाद बैंक के साथ खरीदार को भी हिस्सा दिया जाएगा।

बता दें कि पिछले महीने ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड में बदलाव को हरी झंडी दिखाई थी। गौरतलब है कि हाल में कई ऐसे मामले सामने आए थे जब कई प्रोजेक्ट आधे-अधूरे में ही अटकने के बाद खरीदारों को काफी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा था।

ऐसे में लोगों की शिकायतों को देखते हुए सरकार ने बैंकरप्सी कोड में बदलाव के लिए 14 सदस्यीय इन्सॉल्वेंसी लॉ कमेटी का गठन किया था।

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