भारत बंद: एसोचैम ने मोदी सरकार का किया बचाव, कहा- पेट्रोल के बढ़ते दाम के लिये वैश्विक कारक जिम्मेदार
एसोचैम ने कहा, पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमतों के लिए वैश्विक कारक जिम्मेदार है। उसने उम्मीद जताई है कि ईंधन पर करों के बोझ को घटाया जा सकता है।
नई दिल्ली:
पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमतों को लेकर विपक्ष भले ही मोदी सरकार का विरोध कर रही हो लेकिन उद्योग मंडल एसोचैम ने इसके लिए वैश्विक कारक को जिम्मेदार बताते हुए केंद्र का समर्थन किया है। एसोचैम ने कहा, पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमतों के लिए वैश्विक कारक जिम्मेदार है। उसने उम्मीद जताई है कि ईंधन पर करों के बोझ को घटाया जा सकता है।
एसोचैम महासचिव उदय कुमार वर्मा ने पीटीआई से कहा, 'हमारा मानना है कि पेट्रोल-डीजल को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाया जाना चाहिये। हालांकि, इस समय यह संभव नहीं है।'
उन्होंने कहा कि इस समय ईंधन के दामों में लगातार वृद्धि की वजह वैश्विक कारक हैं। यह उभरते हुये बाजारों को प्रभावित कर रहा है और भारत भी इससे अछूता नहीं है।
वर्मा ने कहा कि अन्य प्रमुख विदेशी मुद्राओं के मुकाबले डॉलर में मजबूती से रुपये पर दबाव पड़ रहा है। भारत कच्चे तेल के सबसे बड़े आयातकों में से एक है। जिसके नाते रुपये की विनिमय दर में गिरावट का पेट्रोल-डीजल के दामों पर असर पड़ रहा है। इसके अलावा, मजबूत वैश्विक रुख के बीच कच्चे तेल के दामों में भी तेजी आई है।
और पढ़ें- भारत बंद: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अपील, लोकतंत्र को बचाने के लिए एकजुट हों सभी दल
उन्होंने कहा, 'हमें भरोसा है कि सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक मामले पर नजर बनाये हुये और कर बोझ को कम करने समेत अन्य विकल्पों पर विचार कर रहा है।'
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Hanuman Jayanti 2024 Date: हनुमान जयंती पर बनेगा गजलक्ष्मी राजयोग, जानें किन राशियो की होगी आर्थिक उन्नति
-
भारत के इस मंदिर में नहीं मिलती पुरुषों को एंट्री, यहां होते हैं कई तांत्रिक अनुष्ठान
-
Mars Transit in Pisces: 23 अप्रैल 2024 को होगा मीन राशि में मंगल का गोचर, जानें देश और दुनिया पर इसका प्रभाव
-
Kamada Ekadashi 2024: कामदा एकादशी से पहले जरूर करें 10 बार स्नान, सफलता मिलने में नहीं लगेगा समय