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RBI ने नहीं घटाईं दरें, रेपो-रिवर्स रेपो बरकार, शेयर बाज़ार सपाट

रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति से पहले शेयर बाज़ार ने शानदार शुरूआत की है और सुबह के कारोबार के दौरान शेयर बाज़ार में तेज़ी के स्तरों पर कारोबार देखा जा रहा है।

Updated on: 07 Jun 2017, 03:58 PM

नई दिल्ली:

रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति की घोषणा कर दी है। क्रेडिट पॉलिसी में आरबीआई ने रेपो और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई ने रेपो रेट 6.25% पर समान रखा है जबकि रिवर्स रेपो रेट भी 6 प्रतिशत पर बरकरार रखी है।

आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा है, 'नवंबर 2016 में क्षणिक कारणों के चलते मुद्रास्फीति दर कम बनी हुई है।' जीडीपी पर नोटबंदी के असर पर बोलते हुए उन्होंने कहा, 'ताजा सरकारी आंकड़ों पर सही तरीके से निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले सावधानी बरतने की ज़रुरत है।' 

इसके बाद शेयर बाज़ार दबाव में आ गया और बीएसई बेंचमार्क सेंसेक्स फिलहाल 2.50 पर समान स्तरों पर कारोबार करता दिखाई दे रहा है। वहीं, निफ्टी भी सपाट स्तर पर कारोबार कर रहा है। 

इससे पहले शेयर बाज़ार ने सुबह मौद्रिक नीति समीक्षा से पहले शानदार शुरूआत की थी। ब्याज दरों में गिरावट की उम्मीद लगाए सेंसेक्स सुबह कारोबार की शुरुआत के साथ 143 अंक चढ़ कर 31,252.71 के स्तर पर खुला जबकि निफ्टी ने भी बढ़िया शुरुआत की।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 26 अंकों की तेज़ी के साथ 9,663.95 के स्तर पर खुला था।

सेक्टोरअल इंडेक्स

शुरुआती कारोबार में छोटे मझौले शेयरों में तेज़ी का माहौल है। निफ्टी मिडकैप इंडेक्स आधा फीसदी तो स्मॉल कैप इंडेक्स 0.70 फीसदी की तेज़ी के साथ कारोबार कर रहा है। जबकि बीएसई मिडकैप भी आधा फीसदी ऊपर और स्मॉलकैप इंडेक्स 0.80 फीसदी की तेज़ी के साथ कारोबार कर रहा है।

निफ्टी में आईटी -0.37%, को छोड़ बाकी सभी इंडेक्स तेज़ी के स्तरों पर ट्रेड कर रहे हैं।

बैंकिंग 0.3 फीसदी ऊपर, ऑटो और मेटल 0.7 फीसदी, एफएमसीजी 1 फीसदी फाइनेंशियल सर्विस और मीडिया 0.12 फीसदी, फार्मा डेढ़ फीसदी, पीएसयू बैंक और रियल्टी करीब आधा फीसदी ऊपर और निजी बैंक 0.30 फीसदी की तेज़ी के साथ कारोबार कर रहे हैं।

वहीं, बीएसई ऑयल एंड गैस करीब आधा फीसदी ऊपर, पावर सपाट तो मेटल आधा फीसदी ऊपर कारोबार कर रहा है।

क्रेडिट पॉलिसी का इंतज़ार

इस बीच आज जारी होने वाली क्रेडिट पॉलिसी में हालांकि ब्याज दरों में बदलाव की उम्मीद बेहद कम है। बावजूद इसके शेयर बाज़ार का मूड आने वाली पॉलिसी में होने वाले बदलाव की उम्मीद पर टिका है जिसके चलते सुबह के कारोबार में तेज़ी देखी जा रही है।

ताज़ा आंकड़ों में मुद्रास्फीति और आर्थिक विकास दर दोनों में ही गिरावट दर्ज की गई है। इसका दबाव आरबीआई पर भी है। पिछले महीने सरकार द्वारा जारी आंकड़ों में जीडीपी दर मार्च में खत्म हुई तिमाही में गिरकर 6.1 फीसदी पर आ गई थी जिसका ज़िम्मेदार नोटबंदी को माना गया है।

वहीं, इस दौरान अप्रैल में खुदरा महंगाई दर घटकर 2.99 फीसदी रही, जोकि मार्च में 3.89 फीसदी थी। इनमें खाद्य पदार्थो की कीमतों में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई है।

इससे पहले आरबीआई ने अप्रैल में जारी अपनी पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया था और इसे 6.25 फीसदी पर रखा था।

आरबीआई ने कहा था, 'मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का लक्ष्य मध्यम अवधि में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक को चार फीसदी (दो फीसदी ऊपर-नीचे) रखना है, जबकि विकास को भी बढ़ावा देना है।'

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