logo-image

शेयर बाजार में नहीं आई 'तेज' गिरावट, मामूली करेक्शन से जल्द उबर जाएगा मार्केट : DEA

शेयर बाजार में आई कमजोरी को तेज गिरावट मानने से इनकार करते हुए केंद्र सरकार ने कहा कि यह महज एक झटका है, जिससे बाजार जल्द ही उबर जाएगा।

Updated on: 03 Feb 2018, 02:45 PM

highlights

  • शेयर में निवेश से होने वाली कमाई पर लॉन्ग टर्म कैपिटन गेंस (एलसीटीजी) टैक्स लगाए जाने के बाद शेयर बाजार में मचे हाहाकार को लेकर सरकार ने सफाई दी है
  • शेयर बाजार में आई कमजोरी को तेज गिरावट मानने से इनकार करते हुए केंद्र सरकार ने कहा कि यह महज एक झटका है, जिससे बाजार जल्द ही उबर जाएगा

New Delhi:

शेयर में निवेश से होने वाली कमाई पर लॉन्ग टर्म कैपिटन गेंस (एलसीटीजी) टैक्स लगाए जाने के बाद शेयर बाजार में मचे हाहाकार को लेकर सरकार ने सफाई दी है।

बाजार में आई कमजोरी को तेज गिरावट मानने से इनकार करते हुए केंद्र सरकार ने कहा कि यह महज एक झटका है, जिससे बाजार जल्द ही उबर जाएगा।

आर्थिक मामलों के विभागीय सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा, 'यह कहना गलत है कि सेंसेक्स में तेज गिरावट आई। बाजार में 800 अंकों का करेक्शन आया। एलटीसीजी को लागू किए जाने के बाद कुछ तो असर होना था औऱ जल्द ही बाजार बुनियादी कारणों की तरफ मुड़ जाएगा।'

उन्होंने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि बाजार में जल्द ही सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी।'

गौरतलब है कि एलटीसीजी टैक्स की घोषणा के बाद शेयर बाजार में जबरदस्त बिकवाली हुई और बजट के ठीक अगले दिन सेंसेक्स जहां इस टैक्स के कारण 839.91 अंक गिरकर 35,066.75 पर बंद हुआ वहीं नैशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 2.33 फीसदी लुढ़कते हुए 256.30 अंक टूटकर 10,760.60 पर बंद हुआ।

और पढ़ें: नोटबंदी के दौरान खातों में 15 लाख जमा कराने वालों की बढ़ेंगी मुश्किलें

निफ्टी में जहां 45 शेयर लाल निशान में बंद हुए वहीं महज 5 शेयर हरे निशान में बंद हुए। सेंसेक्स में सबसे अधिक बैंकिंग शेयरों में जबरदस्त नुकसान हुआ वहीं ऑटो शेयरों में जमकर बिकवाली हुई।

बीएसई का ऑटो इंडेक्स शुक्रवार को 906.19 अंक टूटकर 25213.33 पर बंद हुआ वहीं बैंकिंग इंडेक्स 878.16 अंक टूटकर 29910.23 पर बंद हुआ। इतना ही नहीं बिकवाली और मुनाफा वसूली की वजह से लगभग सभी इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए।

गौरतलब है कि सरकार ने 2018 के बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस पर टैक्स लगाने की घोषणा की है।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स पर लगता है अभी तक 15 फीसदी टैक्स देना होता है, लेकिन अब लॉन्ग टर्म गेंस पर 10 फीसदी का टैक्स देना होगा।
हालांकि एक लाख रुपये से अधिक के कैपिटल गेन पर ही टैक्स देना होगा।

बजट भाषण पढ़ते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, 'मैं एक लाख रुपये से अधिक के लॉन्ग टर्म कैपिटन गेंस पर 10 फीसदी टैक्स लगाने का प्रस्ताव रखता हूं।' वहीं इक्विटी आधारित म्युचुअल फंड से होने वाली आय पर 10 फीसदी टैक्स लगाने की घोषणा की गई है।

और पढ़ें: अरुण जेटली के बजट ने बेहाल किया शेयर बाजार, 840 अंक टूटा सेंसेक्स