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दाऊद इब्राहिम की जायदाद की लगेगी बोली, वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने किया मुआयना

1993 के सीरियल बम धमाकों के आरोपी दाऊद इब्राहिम भले ही कानून की गिरफ्त से बाहर हो लेकिन उसपर नकेल कसने में जांच एजेंसियां कोई कसर नही छोड़ रहीं।

Updated on: 07 Nov 2017, 10:37 PM

मुंबई:

1993 के सीरियल बम धमाकों के आरोपी दाऊद इब्राहिम भले ही कानून की गिरफ्त से बाहर हो लेकिन उसपर नकेल कसने में जांच एजेंसियां कोई कसर नही छोड़ रहीं। एजेंसियां अब मुंबई में मौजूद दाऊद की जायदाद की नीलामी की तैयारी में हैं।

इस सिलसिले में वित्त मंत्रालय के कुछ अधिकारियों ने मंगलवार को मुंबई में दाऊद की कुछ प्रॉपर्टीज का मुआयना किया। इन प्रॉपर्टीज को 14 नवंबर को नीलाम किया जाएगा।

दाऊद की इन प्रॉपर्टीज में- मुंबई में भेंडी बाज़ार की डामरवाला बिल्डिंग, मोहम्मद अली रोड पर बना शबनम गेस्ट हाउस, पाकमोडिया स्ट्रीट पर बना होटल रौनक अफ़रोज़ (मौजूदा नाम: दिल्ली ज़ायका), मझगाँव इलाके के पर्ल हारबर बिल्डिंग में एक फ्लैट, सैफ़ी जुबली स्ट्रीट के दादरीवाला चाल में एक मकान और महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में 600 स्क्वायर मीटर का एक फैक्ट्री प्लॉट शामिल हैं। इन सभी प्रॉपर्टीज़ की बेस कीमत 5.54 करोड़ रखी गई है। इस नीलामी में हर कोई हिस्सा ले सकता है।

1) डामबरवाला बिल्डिंग, पाकमोडिया स्ट्रिट, मुंबई। बेस प्राइस: 1 करोड़ 55 लाख औऱ 76 हजार

2) होटल रौनक अफरोज, पाकमोडिया स्ट्रिट, मुंबई। बेस प्राइस: 1 करोड़ 18 लाख औऱ 63 हजार

3) शबनम गैस्ट हाऊस, पाकमोडिया स्ट्रिट, मुंबई। बेस प्राइस: 1 करोड़ 21 लाख और 43 हजार

मुंबई में मौजूद दाऊद की सारी प्रॉपर्टीज़ डोंगरी, मोहम्मद अली रोड और मझगांव इलाके में हैं। ये वो इलाके हैं जहाँ कभी दाऊद और उसके परिवार का ख़ासा दबदबा हुआ करता था। अपने अपराध जगत की शुरुआत भी दाऊद ने इन्ही इलाकों से की थी।

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आपको बता दें कि दो साल पहले भी वित्त मंत्रालय ने दाऊद की 7 प्रॉपर्टीज़ को नीलाम करने की कोशिश की थी। उस नीलामी में दमन में एग्रीकल्चरल लैंड, होटल रौनक अफ़रोज़, माटुंगा की महावीर बिल्डिंग में एक फ्लैट और दाऊद की इस्तेमाल की गई एक कार शामिल थी।

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उस समय होटल रौनक अफ़रोज़ पर सबसे बड़ी बोली लगाने वाली गैर सरकारी संस्था- देश सेवा समिति- की तरफ से बोली कि पूरी रकम न अदा कर पाने की स्तिथि में उस सौदे को रद्द करना पड़ा था। इस संस्था ने इस होटल के लिए 4.28 करोड़ की सबसे बड़ी बोली लगाई थी। संस्था ने 30 लाख रुपये का बयाना तो दिया लेकिन बचे हुए रकम नही जुटा पाई थी।

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