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महाराष्ट्र: आजादी के बाद पहली बार कांग्रेस-मुक्त हुई लातूर महानगरपालिका

आजादी के बाद से अब तक लातूर महानगरपालिका पर राज करने वाली कांग्रेस को इस बार हार का सामना करना पड़ा।

Updated on: 22 Apr 2017, 12:14 AM

highlights

  • आजादी के बाद पहली बार लातूर महानगरपालिका में कांग्रेस हारी 
  • 70 सदस्यों वाली महानगरपालिका के चुनाव में बीजेपी के खाते में 36 सीटें
  • ये हार कांग्रेस के साथ देशमुख परिवार के लिए बड़ा झटका, तीन दशक से था दबदबा

नई दिल्ली:

आजादी के बाद से अब तक लातूर महानगरपालिका पर राज करने वाली कांग्रेस को इस बार हार का सामना करना पड़ा। लातूर महानगरपालिका चुनाव में इस बार भारतीय जनता पार्टी ने 36 सीटें पाई है। वहीं कांग्रेस के खाते में केवल 33 सीटे आई है। इस चुनाव की खास बात ये है कि छले 2012 के चुनावों मे बीजेपी के हिस्से में एक भी सीट नहीं आई थी।

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लातूर महानगरपालिका चुनाव में कांग्रेस की हार जहां पार्टी के लिए एक जोरदार झटका है, वहीं बीजेपी के लिए ये जीत ऐतिहासिक है। पिछले चुनाव में एक भी सीट न जीतने वाली बीजेपी ने इस बार 'जीरो से हीरो' बनने का नारा दिया था।

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इस जीत के हीरो मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस बने है। गौरतलब है कि काफी समय से सूखे की मार झेल रहे लातूर में इस बार सीएम देवेंद्र फडणनवीस ने भी जमकर प्रचार किया था।

बता दें कि लातूर नें कभी पूर्व सीएम व कांग्रेस नेता विलासराव देशमुख का दबदबा माना जाता था। लेकिन उनके निधन के बाद यहां पर कांग्रेस देशमुख और चाकूरकर गुटों में विभाजित हो गई थी। जिसका फायदा बीजेपी ने उठाया।

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70 सदस्यों वाली महानगरपालिका के चुनाव 19 अप्रैल को संपन्न हुए थे और 60 फीसदी वोटरों ने वोट का प्रयोग किया था।