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मध्यप्रदेश के स्कूलों में पढ़ाया जा रहा है- '1962 युद्ध में भारत ने दी थी चीन को मात'

मध्य प्रदेश में सीबीएसई से संबद्ध तमाम स्कूलों की संस्कृत की किताब में छात्रों को यह पढ़ाया जा रहा है कि भारत ने 1962 में चीन के खिलाफ युद्ध जीता थी।

Updated on: 10 Aug 2017, 02:48 PM

नई दिल्ली:

भारत और चीन के बीच लगातार बढ़ते विवाद के बीच मध्य प्रदेश के स्कूलों में 1962 में हुए भारत-चीन युद्ध की गलत जानकारी दी जा रही है। मध्य प्रदेश में सीबीएसई से संबद्ध तमाम स्कूलों की संस्कृत की किताब में छात्रों को यह पढ़ाया जा रहा है कि भारत ने 1962 में चीन के खिलाफ युद्ध जीता था।

आठवीं क्लास के लिए संस्कृत की किताब सुकृतिका में दावा किया गया है, 'जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में 1962 के मशहूर भारत-चीन युद्ध में भारत ने जीत हासिल की थी।'

लखनऊ के कृति प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्रकाशित इस पुस्‍तक को पांच लेखकों ने लिखा है। जिसमें दिवंगत प्रोफेसर उमेश प्रसाद रस्‍तोगी और व्‍याकरण विशेषज्ञ सोमदत शुक्‍ला भी शामिल हैं। तीन अन्‍य लेखकों में मधु सिंह, ललिता सेंगर और निशा गुप्‍ता हैं।

किताब के आठवें चैप्टर ‘श्री जवाहर लाल नेहरु’ में यह गलत सूचना दी गयी है। इसमें नेहरु की उपलब्‍धियों को रेखांकित करते हुए कहा गया, ‘भारत के पहले प्रधानमंत्री ने अपने सैनिकों का मनोबल बढ़ाया और चीन के घुसपैठ का जवाब दिया था। प्रधानमंत्री के तौर पर जवाहरलाल नेहरु के कार्यकाल के दौरान वर्ष 1962 में चीन ने भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया था। नेहरु के प्रयासों के साथ भारत ने चीन को हरा दिया।‘

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स्‍कूल के हजारों छात्र-छात्राओं को इतिहास की यह गलत जानकारी दी जा रही है। 1962 के युद्ध में चीन की जीत हुई थी। 1962 में भारतीय सैनिकों ने चीन का डट कर मुकाबला किया था, लेकिन उस वक्त जीत चीन की ही हुई थी।

किताब के प्रकाशक से संपर्क करने की कोशिश की गयी लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिल पाया। किताब में इतिहास की गलत जानकारी देने को लेकर स्कूल प्रशासन और शिक्षकों ने इसकी कई बार शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी।

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