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मध्य प्रदेश: ऑपरेशन के दौरान मरीज के पेट से निकला 3 किलो लोहा, डॉक्टर्स हुए हैरान

संजय गांधी अस्पताल में आए एक युवक के पेट का ऑपरेशन करने के दौरान करीब तीन किलो की मात्रा में कील, लोहे के सिक्के, ब्लेड और बोरा सिलने वाले औजार निकाले गए है।

Updated on: 27 Nov 2017, 07:06 PM

highlights

  • युवक के पेट का ऑपरेशन के समय करीब 3 किलो की मात्रा में कील, लोहे के सिक्के, ब्लेड और बोरा सिलने वाले औजार निकाले गए 
  • 7 डॉक्टरों की टीम ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया है
  • युवक को आईसीयू में एडमिट किया गया है, जहां पर उसकी हालत पूरी तरह से स्वस्थ बताई जा रही है

नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश के रीवा जिले में एक ऐसे मरीज का ऑपरेशन किया गया जिसे देख कर न सिर्फ डॉक्टर्स हैरान हो गए बल्कि जिसने सुना वह भी हैरत में पड़ गया।

संजय गांधी अस्पताल में आए एक युवक के पेट का ऑपरेशन करने के दौरान करीब तीन किलो की मात्रा में कील, लोहे के सिक्के, ब्लेड और बोरा सिलने वाले औजार निकाले गए है। इस घटना के बाद यह समझ पाना मुश्किल हो रहा है कि लोहा खाने के बाद युवक जिंदा कैसे बच गया।

मोहम्मद मकसूद (30) सतना जिले के सोहावल के रहने वाला है और कि उनके पेट में काफी दिनों से काफी दर्द हो रहा था जिस कारण उन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

बताया जा रहा है कि इससे पहले परिजनों ने मकसूद का सतना के जिला चिकित्सालय में इलाज कराने के लिए पहुंचे थे। यहां पर उन्हें दो दिन तक भर्ती किया गया था। लेकिन इसके बाद भी जब चिकित्सकों के समझ में बात नहीं आई तो उसे संजय गांधी अस्पताल रेफर कर दिया गया।

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एसजीएमएच की ओपीडी में मकसूद को लेकर पहुंचे परिजनों ने जब डॉक्टर को दिखाया और उसका प्रारंभिक परीक्षण कर एक्स-रे कराया गया जिसमें लोहे की कील जैसी सामग्री दिखाई दी।

डॉक्टरों ने फिर उन्हें सर्जरी विभाग में एडमिट कर लिया और फिर उनका इलाज शुरू कर दिया गया। जब डाक्टर ने सोनोग्राफी कराई तो सच्चाई सामने आई। तब बिना देरी किये युवक का आपरेशन किया गया।

ऑपरेशन के दौरान पेट से 263 सिक्के, डेढ़ किलो छोटी बड़ी लोहे की कीले, 10 से 12 शेविंग ब्लेड, कांच के टुकड़े, पत्थर के टुकड़े, 6 इंच कुत्ते बाधने की जंजीर, 4 बोरा सिलने वाले सूजे सहित करीब 3 किलो की लौह सामग्री निकली जिसे देखकर डॉक्टर हैरान रह गए।

अभी तक संजय गांधी अस्पताल में इस तरह के आपरेशन के दौरान पत्थर एवं ट्यूमर निकालने के मामले भले ही आए हों परंतु तीन किलो से ज्यादा वजन की लोहे की सामग्री निकलना अस्पताल के डॉक्टरों सहित लोगों को हैरान में डाल दिया है।

आपरेशन करने वाले चिकित्सक का कहना है कि एक-दो सिक्के खाने या पिन निगलने वाले केस तो कई बार सामने आए हैं, लेकिन इतनी मात्रा में लोहे की सामाग्री खाने का यह पहला मामला है।

मानसिक विकृति के कारण व्यक्ति इस तरह के कारनामे करता है। फिलहाल मकसूद की हालत पहले से ठीक है। उसका इलाज सर्जरी आईसीयू में चल रहा है।

परिजनों की मानें तो 6 माह पहले मकसूद का इलाज सतना में चल रहा था। जहां सर्जरी विभाग के कुछ डॉक्टरों ने टीबी का मर्ज बताकर उपचार किया। जब हालत में कोई सुधार नहीं हुआ तो रीवा मेडिकल कॉलेज में संपर्क किया। तो चैंकाने वाली बात सामने आई। पहले तो डॉक्टर्स बात नहीं समझ पाए। जब एक्सरे किए तो पूरा मामला सामने आ गया।

अजीब बात यह है कि जिला अस्पताल सतना में मकसूद का टीबी का इलाज किया जा रहा था। वहां के डॉक्टर्स ये बात तक नहीं समझ पाए की उन्हें कौनसी बीमारी है। उन्होंने मरीज का एक्स-रे करना तक मुनासिब नहीं समझा।

संजय गांधी अस्पताल के सर्जरी वार्ड में एडमिट मोहम्मद मकसूद का ऑपरेशन शुक्रवार को डॉ. प्रियंक शर्मा द्वारा किया गया। चार घंटे तक चले इस ऑपरेशन में 7 डॉक्टरों की टीम ने इसमें मदद किया।

खास बात यह है कि सर्जरी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. प्रियंक शर्मा द्वारा इस तरह का सफल ऑपरेशन किया गया है। जो एसजीएमएच में चर्चा का विषय बन गया है।

आपरेशन के दौरान युवक के पेट से एक के बाद एक सामग्री निकलती गई, जिसे देख चिकित्सक हैरान रह गए। हालांकि इस सफल ऑपरेशन के बाद युवक को आईसीयू में एडमिट किया गया है, जहां पर उसकी हालत पूरी तरह से स्वस्थ बताई जा रही है।

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