logo-image

BJP की राह पर चली कांग्रेस ने इस मामले में पीछे खींचे कदम, उम्मीदवारों के टिकट को लेकर जारी किये थे निर्देश

आगामी मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने मैदान में उतरने से पहले अपनी कमर कसना शुरू कर दिया है।

Updated on: 08 Sep 2018, 09:00 PM

नई दिल्ली:

आगामी मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने मैदान में उतरने से पहले अपनी कमर कसना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में कांग्रेस कमिटी ने अपने सभी पदाधिकारियों, विधायक और टिकट के दावेदारों के लिए फरमान जारी किया था, जिसे अब वापिस ले लिया गया है। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी (MPCC) के उपाध्यक्ष चंद्रप्रभार शेखर ने निर्देश दिया था जिसमें दावेदारों के फेसबुक पेज पर 15000 लाइक, ट्विटर पर 5000 फॉलोअर और बूथ के लोगों के वॉट्सऐप ग्रुप होना अनिवार्य बताया गया था। हाल ही में उपाध्यक्ष की ओर से एक पत्र जारी किया गया जिसमें इस फरमान को निरस्त कर दिया गया है।

पत्र में लिखा है कि मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के सोशल मीडिया से सम्बंधित मेरे द्वारा प्रेषिक पत्र को निरस्त किया जाता है।

बता दें कि पत्र में उपरोक्तानुसार कांग्रेस/पदाधिकारियों/ वर्तमान विधायकों और टिकट के दावेदारों को 15 सितम्बर 2018 तक ट्विटर, फेसबुक और व्हाट्सप्प की जानकारी मध्यप्रदेश कांग्रेस के सोशल मीडिया और आईटी डिपार्टमेंट में उपलब्ध करवाने का निर्देश दिया था। यह निर्देश सोमवार को जारी किया गया था, जिसे अब निरस्त कर दिया गया है।

और पढ़ें: योगी सरकार के मंत्री का विवादित बयान, कहा - राम मंदिर वहीं बनेगा क्योंकि सुप्रीम कोर्ट हमारा है

बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही सोशल मीडिया पर पूरा ज़ोर दे रही है। दोनों पार्टियां सोशल मीडिया के जरिए ज्यादा से ज्यादा वोटर्स को लुभाना चाहती हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, युवा वोटरों को लुभाने के लिए बीजेपी के 'साइबर वॉरियर्स' और कांग्रेस के 'राजीव के सिपाही' पूरी कोशिश कर रहे हैं।