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सुंजवान आतंकी हमला: सेना की मदद के लिए आगे आए स्थानीय निवासी, दिखा कश्मीर का अलग रंग

देर रात तक चले ऑपरेशन के दौरान स्थानीय लोगों भी सेना के जवानों की मदद के लिए आगे आए। उन्होंने सुंजवान आर्मी कैंप में सुरक्षाकर्मियों को लोगों ने खाना और पानी भी उपलब्ध कराया।

Updated on: 11 Feb 2018, 01:39 PM

नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर के सुंजवान आर्मी कैंप पर शनिवार को हुए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों के हमले के 29 घंटे के बाद भी सर्च ऑपरेशन जारी है। हमले में अब तक जान गंवाने वाले जवानों की संख्या 5 पहुंच गई है। वहीं एक आम नागरिक की भी गोलीबारी में मौत हो गई।

देर रात तक चले ऑपरेशन के दौरान स्थानीय लोग सेना के जवानों की मदद के लिए आगे आए। उन्होंने सुंजवान आर्मी कैंप में सुरक्षाकर्मियों को खाना और पानी भी उपलब्ध कराया।

हाथों में राष्ट्रीय झंडा थामे और तख्तियां लेकर प्रदर्शनकारियों ने आतंकी हमले की निंदा की और पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। 

इस बीच रविवार को सेना प्रमुख जनरल बिपिन सिंह रावत स्थिति का जायजा लेने सैन्य शिविर (आर्मी कैंप) का दौरा कर सकते हैं। वह जम्मू पहुंच चुके हैं।

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सूत्रों का कहना है कि जूनियर कमीशंड अधिकारियों की आवासीय इमारत में आतंकवादियों के सफाए के लिए हर कमरे की तलाशी ली जा रही है। छिपे हुए आतंकवादियों के सफाए के लिए उधमपुर में सेना के उत्तरी कमान के मुख्यालय से सेना के पैराकमांडर्स को लाया गया है।

भारत तिब्बत सहयोग मंच के राज्य अध्यक्ष संजीव मनमोत्रा ने कहा, 'यह हमारी ओर से एक छोटा सा प्रयास है। हम राष्ट्र के लिए अपना योगदान देना चाहते इसलिए हमने तैनात सुरक्षाबलों के लिए चाय और नाश्ता उपलब्ध कराने का फैसला किया।' 

साथ ही उन्होंने कहा, 'सुरक्षा बल हमारी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपने जीवन का त्याग कर रहे हैं ऐसी स्थिति में उनकी मदद करने के लिए जो कुछ भी संभव हो वह करना हमारी जिम्मेदारी है।'

उन्होंने ये भी कहा कि हमारा यह प्रयास उन गुमराह युवाओं के लिए एक संदेश देना था जो आतंवादी अभियानों के दौरान सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी करते है।

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बता दें कि जम्मू के सुंजवान सेना शिविर पर हुए आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा में शनिवार को विधायकों ने पाकिस्तान के खिलाफ नारे लगाकर विरोध-प्रदर्शन किया। जैसे ही बैठक शुरू हुई, विधायकों ने पार्टी लाइन से हटकर एक सुर में आतंकी हमले की निंदा की और सरकार से इस बारे में एक बयान देने की मांग की।

आतंकियों की तलाश जारी

ऐहतियातन आर्मी कैंप के आसपास के इलाके को भी खाली करा लिया गया है। परिसर के आसपास के 150 घरों में से अधिकांश को खाली करा लिया गया है और उसके निवासियों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।

सैन्य शिविर के आधा किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी शिक्षण संस्थानों को दिनभर के लिए बंद कर दिया गया है।

जैश का है हमला

रक्षा विभाग ने कहा है कि हमलावर आतंकी सेना की वर्दी में थे और एके-56 राइफलों, ढेर सारे गोला-बारूद और हथगोलों से लैस थे।'

बयान में कहा गया है, 'उनके सामानों से इस बात की पुष्टि हुई है कि वे जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी थे। घरों में मौजूद निहत्थे सैनिकों, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए अभियान को अत्यंत सावधानी और संयम के साथ चलाया जा रहा है।'

आतंकियों के पास से हथियार और गोला-बारूद बरामद होने के अलावा उनके पास से जेईएम के झंडे भी बरामद हुए हैं।

रक्षा सूत्रों के अनुसार, जम्मू शहर से लगे सुंजवान सैन्य शिविर के सैनिकों ने शनिवार तड़के 4.45 बजे संदिग्ध लोगों को आते हुए देखा और उन्होंने संदिग्ध आतंकियों को ललकारा। लेकिन आतंकियों ने हथगोला फेंका और गोलीबारी शुरू कर दी।

अफजल की 5वीं बरसी के एक दिन बाद हुआ हमला

इससे पहले खुफिया रिपोर्ट में कहा गया था कि आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की पांचवीं बरसी पर हमले की साजिश रच रहे थे।

अफजल गुरु को नौ फरवरी, 2013 को तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी। उसके फांसी की 5वीं बरसी के एक दिन बाद आतंकियों ने आर्मी कैंप को निशाना बनाते हुए हमला किया है।

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