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सुप्रीम कोर्ट ने जेपी एसोसिएट्स से कहा, निर्देश मानें नहीं तो भेजे जाएंगे तिहाड़ जेल

आरबीआई ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से JAL को दिवालिया घोषित करने के लिए कार्रवाई करने का अपील की थी।

Updated on: 10 Jan 2018, 04:20 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) से कहा है कि वो लिखित में जानकारी दे कि देश में उनके कितने प्रोजेक्ट चल रहे हैं और कितने साइट्स पर कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को जेपी एसोसिएट्स को निर्देशानुसार 125 करोड़ रुपये जमा करने का आदेश दिया। अदालत ने कहा कि निर्देश के पालन में विफल रहने पर उसे अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया जाएगा और तिहाड़ जेल भेजा सकता है।

यह राशि 2,000 करोड़ रुपये का हिस्सा है, जिसे शीर्ष अदालत ने जेपी एसोसिएट्स को रजिस्ट्री के पास जमा करने को कहा है। इस राशि से जेपी इंफ्राटेक से घर खरीदने वालों के पैसे वापस किए जाएंगे।

जेपी एसोसिएट्स को 25 जनवरी तक 125 करोड़ रुपये जमा करने हैं।

अदालत ने कहा कि वह भारतीय रिजर्व बैंक के जेपी एसोसिएट्स के खिलाफ दिवाला व दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के तहत कार्यवाही शुरू करने की मांग के आवेदन पर बाद में विचार करेगी।

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलककर व न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की पीठ ने जेपी एसोसिएट्स को अपने द्वारा विकसित की जा रही सभी आवासीय परियोजनाओं का ब्योरा देते हुए एक हलफनामा दाखिल करने का भी निर्देश दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने इसके अलावा JAL के एक पोर्टल बनाने का निर्देश दिया है जिससे की खरीददार अपनी समस्या को ऑनलाइन दर्ज़ करा सके। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 5 फरवरी निर्धारित की है।

इससे पहले अदालत ने जेपी एसोसिएट्स को 14 दिसंबर तक 150 करोड़ रुपये व अन्य 125 करोड़ रुपये 31 दिसंबर तक जमा करने का निर्देश दिया था।

अदालत ने कहा कि संरक्षक निदेशकों व स्वतंत्र निदेशकों में से कोई भी अपनी निजी संपत्ति को हस्तांतरित नहीं करेगा।

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