राजनाथ सिंह ने कहा- युवाओं में बढ़ता कट्टरवाद पूरी दुनिया के लिये चुनौती
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि युवाओं में कट्टरवाद का बढ़ना आज के समय में दुनिया के लिये चुनौती है। उन्होंने बिना पाकिस्तान का नाम लिये हुए कहा कि कुछ देश ऐसे हैं जो आतंकियों को शरण दे रहे हैं।
नई दिल्ली:
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि युवाओं में कट्टरवाद का बढ़ना आज के समय में दुनिया के लिये चुनौती है। उन्होंने बिना पाकिस्तान का नाम लिये हुए कहा कि कुछ देश ऐसे हैं जो आतंकियों को शरण दे रहे हैं।
आतंक विरोधी सम्मेलन 'चेंजिंग कंटूअर्स ऑफ ग्लोबल टेरर' में दिये अपने भाषण में उन्होंने कहा कि आतंकियों को पनाह देने वाले देशों के कारण ये युवाओं में बढ़ते कट्टरवाद को बल मिला है। जिसके कारण पूरी दुनिया में आतंकवाद बढ़ा है।
उन्होंने कहा, 'लोगों को कट्टरवादी बनाया जा रहा है, खासकर युवाओं को जो इस समय जारी है और ये तमाम चुनौतियां जिसका सामना पूरी दुनिया कर रही है उनमें ये सबसे बड़ी चुनौती है।'
उन्होंने कहा, 'कई देशों ने इस समस्या की पहचान की है और इस कट्टरवाद को रोकने के लिये कदम भी उठा रहे हैं। मुझे ये बताते हुए खुशी हो रही है भारत ने समय रहते ऐसे मॉड्यूल्स जो आतंकी हमले कर सकते थे उन्हें नष्ट कर दिया गया है।'
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गृहमंत्री ने कहा कि आतंकियों को पनाह देने से ये समस्या और बढ़ी है और दुनिया में आतंकवाद तेजी से बढ़ा है। देशों के समर्थन के कारण आतंकियों को संसाधनों, निर्देशों और वो सारे संसाधन जो उन्हें नहीं मिलने चाहिये वो मिलते हैं।
उन्होंने कहा, 'आतंकियों की गतिविधियों को रोकने की कोई भी कोशिश और कार्रवाई सीधे तौर पर उस देश के खिलाफ भी मानी जा सकती है जो देश उसे समर्थन दे रहे होते हैं। ये खतरा बड़ा होता है।'
उन्होंने कहा कि अलकायदा जिसे एक दशक पहले वो आतंक का पर्याय माना जाता रहा है। लेकिन पिछले कुछ सालों में उन्होंने मिडिल ईस्ट से अपना बेस दक्षिण एशिया में शिफ्ट किया है जो भारत के लिये चिंता का विषय है।
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उन्होंने कहा कि सरकार आईएसआईएस के सोशल मीडिया में फैलते जाल को लेकर काफी सतर्कता बरत रही है। ताकि वो विचारधारा को लेकर लोगों का ब्रेनवॉश करने की कोशिशों को रोका जा सके।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'आईएसआईएस का मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथ में ले जाने का खतरा बरकरार है। ऐसे आतंकी जो अकेले आतंकी हमले कर रहे हैं उनकी संख्या में बढ़ोतरी हुई है और फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया में हुए आतंकी हमले इसके उदाहरण हैं।'
उन्होंने कहा कि आईएसआईएस का प्रोपेगैंडा का असर भारत के सामाजिक व्यवस्था पर असर नहीं पड़ा है और मुझे विश्वास है कि उसका असर भविष्य में भी नहीं पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि भारत आतंक को लेकर दुनिया के तमाम देशों से सहयोग कर रहा है।
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