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PM मोदी ने अखिल भारतीय शिक्षा समागम का किया उद्घाटन, बोले- युग बदलने वाले परिवर्तन समय लेते हैं

दो दिनों तक चलने वाले समागम का आयोजन राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) के शुभारंभ की तीसरी वर्षगांठ पर हो रहा है

Updated on: 29 Jul 2023, 01:11 PM

highlights

  • शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी प्रगति मैदान के भारत मंडपम पहुंचे
  • पीएम ने बच्चों से इस दौरान पढ़ाई को लेकर चर्चा की
  • कहा, शिक्षा समागम का भाग बनना एक महत्वपूर्ण अवसर है

नई दिल्ली:

पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज प्र​गति मैदान के भारत मंडपम में अखिल भारतीय शिक्षा समागम (Akhil Bhartiya Shiksha Samagam) का उद्धाटन किया. इस दौरान पीएम स्कूली बच्चों से मिले. उन्होंने बच्चों से इस दौरान पढ़ाई को लेकर चर्चा की. इसके साथ उनके द्वारा बनाई कलाकृतियों का ​निरीक्षण किया. दो दिनों तक चलने वाले समागम का आयोजन राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) के शुभारंभ की तीसरी वर्षगांठ पर हुआ है. पीएम मोदी ‘पीएमश्री योजना’ के तहत धनराशि की पहली किस्त जारी कर दी है. पीएम के साथ केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी प्रगति मैदान के भारत मंडपम पहुंचे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहा कि यह शिक्षा ही है जो देश की तकदीर बदलने की ताकत रखती है. देश जिस लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहा है, उसे हासिल करने में शिक्षा की अहम भूमिका है.आप इसके प्रतिनिधि हैं.अखिल भारतीय शिक्षा समागम का हिस्सा बनना मेरे लिए भी एक महत्वपूर्ण अवसर है. पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को बुद्धिजीवियों, शिक्षाविदों और अध्यापकों ने एक मिशन के रूप में लिया है.

आज हमारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तीन साल पूरे हो चुके हैं. देश भर के बुद्धिजीवियों, शिक्षाविदों और अध्यापकों ने इसे एक मिशन के रूप में लिया है. इसके आगे बढ़ाने का प्रयास किया. वे आज सभी का आभार का व्यक्त करता हूं. उनका आभार  व्यक्त करता हूं.

समागम की इस यात्रा में एक संदेश छिपा है

पीएम मोदी ने कहा कि इससे पहले ऐसा आयोजन काशी के नवनिर्मित रुद्राक्ष सभागृह में हुआ था. इस बार ये समागम दिल्ली के नवनिर्मित भारत मंडपम में आयोजित हो रहा है. खुशी की बात है कि ये विधिवत रूप से भारत मंडपम के लोकार्पण के तुरंत बाद हो रहा है. ये खुशी इसलिए भी ज्यादा हो जाती है, क्योंकि इसका पहला ही कार्यक्रम शिक्षा से संबंधित है. काशी के रुद्राक्ष से लेकर इस आधुनिक भारत मंडपम तक अखिल भारतीय शिक्षा समागम की इस यात्रा में एक संदेश छिपा है. ये संदेश प्राचीनता और आधुनिकता का मेल है. इस अर्थ है कि एक ओर हमारी शिक्षा व्यवस्था भारत की प्राचीन परंपरा को सहज रही है. इसके साथ आधुनिक विज्ञान और और हाईटेक टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहा ​कि यह शिक्षा ही है जो देश की तस्वीर को बदलने की ताकत रखती है. देश जिस लक्ष्य से आगे की ओ जा रहा है, उसे हासिल करने में शिक्षा का बड़ा योगदान रहा है। आप इसके बस प्रतिनिधि हैं.अखिल भारतीय शिक्षा समागम का भाग बनना एक महत्वपूर्ण अवसर है.

 

इससे पहले पीएम मोदी ने एक ट्वीट करके कहा कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस मौके पर एक लेख लिखा है. जिसमें वे लिखते हैं कि यह नीति  किस प्रकार भारत को उभरती प्रौद्योगिकियों का सेंटर बनाने के लिए तैयार की गई है. धर्मेन्द्र प्रधान ने इस लेख में कहा कि ज्ञान ही शक्ति है. भारत की शक्ति  क्षमता वेदों और उपनिषदों में स्पष्ट बताई गई है. यह काफी समय से से ज्ञान के विशाल स्रोत के रूप में काम कर रही है. भारत का अतीत नालंदा और तक्षशिला जैसे हमारे प्राचीन भारतीय विश्वविद्यालयों से जुड़ा के साथ. अतीत में भारत का एक अंतरराष्ट्रीय ज्ञान केंद्र रहा है.