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मोदी सरकार की महत्वकांक्षी परियोजना, ड्रोन के माध्यम से दवा और रक्त सैंपल भेजने का सफल ट्रायल

प्रथम चरण में प्रयोग के तौर पर राजमाता श्रीमती देवेन्द्र कुमारी सिंहदेव शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय अंबिकापुर में आज 19 फरवरी को प्रथम ट्रायल किया गया

Updated on: 19 Feb 2024, 10:22 PM

नई दिल्ली:

ड्रोन टेक्नोलॉजी इन हेल्थ केयर सेक्टर केंद्र की मोदी सरकार की एक महत्वकांक्षी परियोजना है. जिसके क्रियान्वयन के लिए प्रथम चरण में प्रयोग के तौर पर राजमाता श्रीमती देवेन्द्र कुमारी सिंहदेव शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय अंबिकापुर में आज 19 फरवरी को प्रथम ट्रायल किया गया. जिसके तहत मेडिकल कॉलेज से 40 किमी दूर उदयपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ड्रोन के माध्यम से दवा और रक्त सैंपल भेजने का सफल ट्रायल हुआ. करीब 20 मिनट में गंतव्य तक दवा और सैंपल पहुंचाया गया. पीएम मोदी के इस पायलेट प्रोजेक्ट के लिए  देश के 25 मेडिकल कॉलेजों में अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज को चयनित किया गया है.

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चार ड्रोन कंपनियों आरंभिक चयन किया गया

ई निविदा में शासन के तय मानदंडों को पूरा करने पर चार ड्रोन कंपनियों आरंभिक चयन किया गया है. जिसके तहत सभी कंपनियों के द्वारा बारी बारी से ट्रायल किया जाएगा. प्रदर्शन के आधार पर किसी एक कंपनी का चुनाव होगा. 

वैक्सीन पहुंचना आसान होगा बल्कि सैंपल भी लाया जा सकता है

यदि प्रयोग सफल रहा तो चक्काजाम, दुर्घटना अथवा पुल पुलियों के टूटने के बाद भी दूरस्थ स्वास्थ्य केंद्र तक न सिर्फ दवा, वैक्सीन पहुंचना आसान होगा बल्कि सैंपल भी लाया जा सकता है.  मेडिकल कॉलेज सरगुजा का इस पायलेट प्रोजेक्ट में चयनित होना सरगुजा संभाग के लिए गर्व की बात है. 

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ड्रोन दीदी को ट्रेनिंग दिल्ली में निःशुल्क प्रशिक्षण दिया गया

अधिष्ठाता डॉ० रमणेश मूर्ति ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत ड्रोन दीदी को ट्रेनिंग दिल्ली में निःशुल्क प्रशिक्षण दिया गया. सैम्पल, किट, दवाईयों का उठाव एवं संकलन, ट्रॉन्सफर तथा मेडिकल कॉलेज लैबोरेटरी में जाँच ड्रोन मशीन की कार्यविधि के बारे में विस्तार से प्रशिक्षण दिया गया.कोविड जैसी महामारी अथवा किसी अन्य आपदा कि स्थिति में यह बहुत कारगर एवं प्रभावी कदम साबित होगा.

पायलेट प्रोजेक्ट उसी दिशा में सार्थक पहल होगी

अकसर  देखा जाता है कि यातायात बाधित होने, हड़ताल, सड़क दुर्घटना की स्थिति में सैम्पल, दवा, किट्स इत्यादि कि सप्लाई बाधित होती है. यह पायलेट प्रोजेक्ट उसी दिशा में टेस्टिंग इत्यादि नियंत्रित करने में सार्थक पहल होगी.