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हिन्दी फिल्मों के प्रदर्शन को रोकने वाले काठमांडू के मेयर को अदालत से दोहरा झटका

अंतिम फैसले में अदालत ने मेयर के आदेश को गैर कानूनी और असंवैधानिक करार दिया है

Updated on: 27 Jun 2023, 11:26 PM

highlights

  • हाईकोर्ट ने कहा मेयर को नहीं है फिल्म प्रदर्शन रोकने का अधिकार
  • सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना मामले में कहा लिखित जवाब दे नहीं तो होगी गिरफ्तारी

नई दिल्ली:

आदिपुरूष फिल्म विवाद के बाद सभी भारतीय फिल्मों के प्रदर्शन पर रोग लगाने के फैसले को उच्च अदालत ने गलत करार दिया है. अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि किसी भी मेयर को फिल्म प्रदर्शन रोकने का कानूनी और संवैधानिक अधिकार नहीं है़. अदालत ने भारतीय फिल्मों के प्रदर्शन पर रोक पर बीते हफ्ते ही अन्तरिम आदेश देते हुए खत्म कर दिया था. मंगलवार को अंतिम फैसले में अदालत ने मेयर के आदेश को गैर कानूनी और असंवैधानिक करार दिया है. आज ही सुप्रीम कोर्ट ने काठमांडू के मेयर के खिलाफ अदालत के अवमानना का मुद्दा चलाते हुए लिखित जवाब देने को कहा है.

पिछली बार जब उच्च अदालत ने भारतीय फिल्मों के प्रदर्शन पर रोक लगाने के मेयर के आदेश के खिलाफ अन्तरिम आदेश दिया था  तो मेयर बालेन्द्र शाह ने अदालत का आदेश नहीं मानने की प्रतिक्रिया दी थी. इतना ही नहीं मेयर शाह ने अदालत और सरकार को भारत का गुलाम बताया था और अदालत का आदेश नहीं मानने की प्रतिक्रिया दी थी. आज सुप्रीम कोर्ट ने मेयर बालेन्द्र शाह को अदालत के बारे मे की गई टिप्पणी और अवमानना को लेकर लिखित जवाब देने को कहा है. लिखित जवाब नहीं देने पर मेयर की गिरफ्तारी भी हो सकती है.