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लोकसभा चुनाव

कपिल सिब्बल ने कहा, क्या पंजाब में हमारी वजह से संकट पैदा हुआ

अपनी चिट्ठी में कपिल सिब्बल ने कहा, ''हम "जी हुजूर 23" नहीं हैं. यह बहुत स्पष्ट है. हम बात करते रहेंगे. हम अपनी मांगों को दोहराना जारी रखेंगे.'

Updated on: 29 Sep 2021, 07:28 PM

highlights

  • सिब्बल ने कहा कि हम पार्टी को खत्म होते और नुकसान होते नहीं देख सकते
  • कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को बैठे-बैठाए शीर्ष नेतृत्व पर उंगली उठाने का मौका मिल गया
  • हम (जी-23) वो लोग नहीं हैं, जो पार्टी छोड़कर कहीं और चले गए हों

नई दिल्ली:

साल भार पहले कांग्रेस के 23 वरिष्ठ नेताओं ने नेतृत्व के सवाल पर सोनिया गांधी को पत्र लिखा था. नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद वह समूह फिर सक्रिय हो गया है. इस खेमे में शामिल पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा है. पत्र में अप्रत्यक्ष तरीके से राहुल गांधी पर हमला किया गया है. उन्होंने राहुल गाांधी पर इशारों में हमला बोलते हुए कहा कि जो उनके करीबी थे, वे भी साथ छोड़कर जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जितिन प्रसाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया और ललितेश त्रिपाठी जैसे बड़े नेता हमें छोड़कर जा चुके हैं. पार्टी में फिलहाल जिस तरह के हालात हैं, उस पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई जानी चाहिए. 

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अपनी चिट्ठी में कपिल सिब्बल ने कहा, ''हम "जी हुजूर 23" नहीं हैं. यह बहुत स्पष्ट है. हम बात करते रहेंगे. हम अपनी मांगों को दोहराना जारी रखेंगे.' उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे पास फिलहाल कोई अध्यक्ष तक नहीं है. उन्होंने कहा कि हमें जल्द से जल्द एक निर्वाचित अध्यक्ष की जरूरत है.

सिद्धू के इस्तीफा के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को बैठे-बैठाए शीर्ष नेतृत्व पर उंगली उठाने का मौका मिल गया. इस मौके पर ही जी-23 नेताओं के बोलने लेकर कपिल सिब्बल ने कहा कि हम पार्टी को खत्म होते और नुकसान होते नहीं देख सकते. हम पार्टी को कमजोर नहीं कर सकते हैं. हम आज भी यही कह रहे हैं कि पार्टी को बुनियादी तौर पर मजबूत कीजिए और लोगों की बातों को सुनिए. क्या पंजाब में हमारी वजह से संकट पैदा हुआ है. सिब्बल ने कहा, 'हम (जी-23) वो लोग नहीं हैं, जो पार्टी छोड़कर कहीं और चले गए हों. यह विडंबना है कि जो उनके करीब थे, वे उन्हें छोड़कर चले गए और जिन्हें वे अपने करीब नहीं मानते हैं, वे आज भी साथ खड़े हैं.'