Jet Airways के संस्थापक नरेश गोयल को राहत, मेडिकल आधार पर 2 महीने की अंतरिम जमानत मिली
Jet Airways: अदालत ने गोयल को एक लाख की जमानत राशि देने और ट्रायल कोर्ट की पूर्व अनुमति के बिना मुंबई नहीं छोड़ने का आदेश दिया है.
नई दिल्ली:
Jet Airways: जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल को मेडिकल आधार पर दो माह के लिए अंतरिम जमानत दे दी गई है. गोयल को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया था. न्यायमूर्ति एन जे जमादार की एकल पीठ ने गोयल को ₹1 लाख की जमानत राशि देने और ट्रायल कोर्ट की पूर्व अनुमति के बिना मुंबई नहीं छोड़ने का आदेश दिया है. पीठ ने कहा, "आवेदक (गोयल) को दो माह की अवधि के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाएगा. उन्हें लगाई सभी शर्तों का पालन करना होगा." गोयल को अपने पासपोर्ट को सरेंडर करने का आदेश दिया है. 75 वर्षीय नरेश गोयल ने चिकित्सा और मानवीय कारणों का हवाला देते हुए अंतरिम जमानत मांगी थी, क्योंकि वह और उनकी पत्नी अनीता गोयल दोनों कैंसर से पीड़ित हैं.
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2023 में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार
गोयल को ईडी ने सितंबर 2023 में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था. उन पर आरोप है कि केनरा बैंक द्वारा जेट एयरवेज को दिए गए ₹538.62 करोड़ के ऋण की हेराफेरी की गई थी. उनकी पत्नी को नवंबर 2023 में गिरफ्तार किया गया था, जब ईडी ने मामले में अपनी चार्जशीट दाखिल की थी. उनकी उम्र और चिकित्सीय स्थिति को देखते हुए उसी दिन विशेष अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी.
इससे पहले विशेष अदालत ने फरवरी में नरेश गोयल को जमानत देने से इनकार कर दिया था, लेकिन उन्हें चिकित्सा उपचार के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती होने की अनुमति दी थी. इसके बाद गोयल ने बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और मामले की योग्यता के आधार पर जमानत के साथ-साथ चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत की मांग की.
स्वास्थ्य को लेकर कई तथ्य सामने रखे
सुनवाई के वक्त गोयल के वकील हरीश साल्वे ने उनके स्वास्थ्य को लेकर कई तथ्य सामने रखे. उन्होंने शारीरिक कठिनाइयों बल्कि उनकी पत्नी के मानसिक तनाव का हवाल दिया और अदालत से मानवीय आधार पर याचिका पर विचार करने का आग्रह किया. साल्वे ने गोयल से अपनी पत्नी के अंतिम दिनों में उनके साथ रहने की इच्छा व्यक्त की. प्रवर्तन निदेशालय ने हालिया मेडिकल रिपोर्ट की कमी के कारण याचिका का विरोध किया. उसने कहा कि अगर गोयल के अस्पताल में भर्ती रहने की अवधि बढ़ाई जाती है तो एजेंसी को कोई समस्या नहीं है. ईडी के वकील हितेन वेनेगांवकर ने कहा था कि अदालत गोयल के अस्पताल में भर्ती रहने की अवधि को चार सप्ताह के लिए बढ़ा सकती है. फिर उनकी स्थिति का आकलन करने के लिए एक नई मेडिकल रिपोर्ट मांग सकती है.
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