चुनाव आयोग का दावा, EVM है दुनिया की सबसे सुरक्षित मशीन
भारत की ईवीएम मशीन इंटरनेट से नहीं जुड़ी है। इस वजह से इसे हैक करना लगभग नामुमकिन है। क्योंकि ज्यादातर चीजें तभी हैक होती हैं, जब वह इंटरनेट से जुड़ी होती हैं।
नई दिल्ली:
पांच राज्यों में हुए चुनाव के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर उठ रहे सवालों को चुनाव आयोग (ईसी) ने निराधार बताया है। ईसी ने रविवार को स्पष्ट किया कि भारत की ईवीएम दुनिया में सर्वश्रेष्ठ तकनीक वाली और सुरक्षित मशीन है।
हाल ही में आए चुनावी नतीजों के बाद ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए जा रहे थे। हालांकि, बेहतरीन तकनीक के साथ बनाई गई इस मशीन को कभी किसी ने हैक नहीं किया है। भारत के निर्वाचन आयोग ने ईवीएम पर पूरा भरोसा जताया है और उसे पूरी तरह से सुरक्षित बनाया है। साथ ही ईवीएम के साथ गड़बड़ी या छेड़छाड़ होने के आरोपों को भी पूरी तरह से खारिज कर दिया है।
बता दें कि साल 2014 के संसदीय चुनाव में ईवीएम की 10 लाख यूनिट का इस्तेमाल किया गया था। ब्राजील, नॉर्वे, जर्मनी, वेनेजुएला, कनाडा समेत कई देश वोटिंग मशीन का इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन अमेरिका में ही मतपत्र का उपयोग किया जाता है। वहां मशीन इसलिए विफल हो गई, क्योंकि वह इंटरनेट से जुड़ी हुई थी।
भारत की ईवीएम मशीन इंटरनेट से नहीं जुड़ी है। इस वजह से इसे हैक करना लगभग नामुमकिन है। क्योंकि ज्यादातर चीजें तभी हैक होती हैं, जब वह इंटरनेट से जुड़ी होती हैं।
बता दें कि ईवीएम मशीन का निर्माण इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड और इलेक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड कंपनी ने किया है।
मशीन कैसे करती हैं काम
ईवीएम डाटा को एक साधारण चिप में रिकॉर्ड करती है। यह बहुत छोटी होती है। मशीन में पड़ने वाला हर वोट सीधे चिप में रिकॉर्ड हो जाता है। यह मशीन काफी मजबूत है। मशीन के साथ कोई छेड़छाड़ न हो, इसके लिए कई लेवल में सील लगाई जाती है।
ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रमुख मायावती ने ईवीएम पर सवाल उठाया था। उन्होंने विधानसभा चुनावों में बीजेपी के पक्ष में छेड़छाड़ का दावा किया था। जिसके बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) ने अगले महीने होने वाले दिल्ली नगर निगम चुनावों में ईवीएम के बजाए मतपत्रों के इस्तेमाल की मांग की थी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि पंजाब विधानसभा चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के साथ छेड़छाड़ की गई थी, जिसके कारण आम आदमी पार्टी (आप) के 20-25 प्रतिशत वोट शिरोमणि अकाली दल-बीजेपी गठबंधन के खाते में चले गए।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई थी याचिका
ईवीएम में छेड़छाड़ के आरोपों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी। जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस भेजा था। ईवीएम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया कि ईवीएम में कई खामियां हैं। इन मशीनों से निष्पक्ष चुनाव और परिणाम नहीं आ सकते हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता एमएल शर्मा ने याचिका दाखिल की थी।
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