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'लद्दाख में LAC पर संघर्ष में भारतीय सेना ने भी पकड़े थे चीनी सैनिक, जिन्हें बाद में छोड़ा गया'

केंद्रीय मंत्री और पूर्व सैन्य प्रमुख जनरल वीके सिंह ने दावा किया कि भारतीय जवानों (Indian Army) ने न सिर्फ दोगुने चीनी सैनिकों को मारा, बल्कि भारतीय सेना ने भी कई चीनी सैनिकों (PLA) को बंधक बना लिया था. उन्हें बाद में छोड़ा गया.

Updated on: 21 Jun 2020, 08:32 AM

highlights

  • पूर्व सेना प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह का बड़ा दावा.
  • भारतीय सेना ने भी हिंसक झड़प में बंधक बनाए कई चीनी सैनिक.
  • जितने हमारे जवान शहीद हुए, उससे दोगुने चीनी जवानों को मारा.

नई दिल्ली:

पूर्वी लद्दाख (Ladakh) की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ भारतीय जवानों की हुई हिंसक झड़प के बीच केंद्र सरकार और विपक्ष के दावे-प्रतिदावों और आरोप-प्रत्यारोपों के बीच केंद्रीय मंत्री और पूर्व सैन्य प्रमुख जनरल वीके सिंह (VK SIngh) का सनसनीखेज दावा सामने आया है. एक निजी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि भारतीय जवानों (Indian Army) ने न सिर्फ दोगुने चीनी सैनिकों को मारा, बल्कि भारतीय सेना ने भी कई चीनी सैनिकों (PLA) को बंधक बना लिया था. उन्हें बाद में छोड़ा गया.

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भारतीय सेना ने भी बंधक बनाए चीनी जवान
इस इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि मीडिया में इस बात की चर्चा है कि दोनों पक्षों के बीच हुई बातचीत के बाद चीन की पीएलए ने कुछ भारतीय जवानों को रिहा किया. उन्होंने कहा कि यह भी एक सच्चाई है कि भारतीय सेना ने भी कई चीनी सैनिकों को बंधक बना लिया था, जिन्हें बाद में छोड़ा गया. यही नहीं, जनरल वीके सिंह ने दावा किया कि गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में चीन के दोगुने सैनिक मारे गए. हालांकि चीन इस बात का कभी भी खुलासा नहीं करेगा, क्योंकि वहां ऐसी बातें छिपाई जाती हैं.

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1962 से गलवान घाटी में डटी हैं भारत-चीन सेना
इस इंटरव्यू में उन्होंने यह भी कहा कि गलवान घाटी का जो हिस्सा भारत के नियंत्रण में आता है वो अभी भी भारत के पास ही है. चीन के साथ जिस पेट्रोल प्वाइंट 14 को लेकर विवाद है, वह अभी भी भारत के नियंत्रण में ही है. गलवान घाटी का एक हिस्सा चीन के पास है और एक हिस्सा हमारे पास है. सिंह ने कहा कि चीन 1962 के बाद से गलवान घाटी पर बैठा है और हम भी वहां से हिले नहीं हैं. गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख सीमा पर पिछले कई महीनों से चला आ रहा तनाव 15 जून की रात हिंसक झड़प में ​तब्दील हो गया. इस हिंसक झड़प में एक कर्नल समेत 20 जवान शहीद हो गए. इस घटना में चीन को भी भारी नुकसान हुआ और उसके 43 सैनिक हताहत होने की खबर है.