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केंद्रीय मंत्री का विवादित बयान, कहा- अगर कोई हिंदू लड़की को छूता है तो वह हाथ नहीं बचना चाहिए

कर्नाटक के कोडागू में रविवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए हेगड़े ने कहा कि कोई भी हाथ अगर हिंदू लड़की को छूता है तो वह हाथ नहीं बचना चाहिए.

Updated on: 27 Jan 2019, 08:17 PM

बेंगलुरू:

संविधान को बदलने की बात कहकर चर्चा में रह चुके केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है. कर्नाटक के कोडागू में रविवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए हेगड़े ने कहा कि कोई भी हाथ अगर हिंदू लड़की को छूता है तो वह हाथ नहीं बचना चाहिए.

केंद्रीय कौशल विकास व उद्यमिता मंत्री राज्यमंत्री हेगड़े ने कहा, 'हमें समाज की प्राथमिकताओं के बारे में दोबारा सोचना चाहिए. हमें जाति के बारे में नहीं सोचना चाहिए. अगर कोई हिंदू लड़की को छूता है तो वह हाथ नहीं रहना चाहिए.'

गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री इससे पहले भी कई सारे विवादित बयान देकर चर्चा में रह चुके हैं. पिछले साल कर्नाटक के करवर में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा था, 'राजनीति के कारण ही मैं एक सांसद बन पाया. हम राजनीति के अलावा कुछ भी नहीं कर सकते हैं. हम यहां समाज सेवा करने नहीं आए हैं हम यहां राजनीति करने आए हैं इसलिए हम करते हैं. पत्रकार इसकी जैसी व्याख्या करना चाहते हैं वे कर सकते हैं.'

वहीं साल 2017 में उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा था कि बीजेपी 'संविधान बदलने के लिए' सत्ता में आई है. कोप्पल जिले एक कार्यक्रम के दौरान हेगड़े ने कहा था, 'लोग धर्मनिरपेक्ष शब्द से इसलिए सहमत हैं, क्योंकि यह संविधान में लिखा है. इसे (संविधान) बहुत पहले बदल दिया जाना चाहिए था और अब हम इसे बदलने जा रहे हैं. जो लोग खुद को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं, वे बिना माता-पिता से जन्मे की तरह हैं.'

50 वर्षीय केंद्रीय मंत्री ने कहा था, 'अगर कोई कहता है कि मैं मुस्लिम, ईसाई, लिंगायत, ब्रह्मण या हिंदू हैं तो मुझे खुशी महसूस होती है, क्योंकि वे अपनी जड़ों को जानते हैं. जो खुद को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं, मैं नहीं जानता उन्हें क्या कहा जाए.'

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हेगड़े को सितंबर 2017 में हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल के क्रम में केंद्रीय मंत्री बनाया गया था. वह उत्तर कर्नाटक निर्वाचन क्षेत्र से पांच बार लोकसभा सदस्य चुने जा चुके हैं. हालांकि अनंत कुमार हेगड़े ने संविधान बदलने के अपने विवादित बयान पर लोकसभा के अंदर माफी भी मांगी थी और कहा था कि उनके बयान को 'तोड़-मरोड़कर' पेश किया गया.

हेगड़े ने सदन में कहा था, 'मैं संविधान, संसद और बाबासाहेब अंबेडकर का सम्मान करता हूं. संविधान मेरे लिए सर्वोच्च है. एक नागरिक के नाते मैं कभी भी इसके खिलाफ नहीं जा सकता.'