गुड़िया गैंगरेप केस: दोनों दोषियों को 20 साल की सजा का ऐलान, पीड़ित परिवार को मुआवजा
कोर्ट ने दोनों आरोपियों मनोज शाह और प्रदीप पर हत्या की कोशिश, पोक्सो, अपहरण, रेप, अप्राकृतिक यौन शोषण की धाराओं के तहत दोषी करार दिया था.
नई दिल्ली:
दिल्ली की कड़कड़डूमा अदालत में गुरूवार को दिल्ली में हुए गुड़िया गैंगरेप मामले में सजा का ऐलान कर दिया है. अदालत ने दोनों आरोपियों को 20-20 साल कैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने दोनों आरोपियों मनोज शाह और प्रदीप पर हत्या की कोशिश, पोक्सो, अपहरण, रेप, अप्राकृतिक यौन शोषण की धाराओं के तहत दोषी करार दिया था. गुड़िया गैंगरेप केस में पीड़ित पक्ष के वकीलों ने अदालत से दोनों दोषियों प्रदीप और मनोज को उम्रकैद की सजा दिलवाने की अपील की थी. वहीं सरकारी वकील ने अधिकतम सजा की मांग की थी. उन्होंने कहा है कि पीड़िता की उम्र महज 5 साल थी, जब उसके साथ दोनों ने गैंगरेप किया था.
आपको बता दें कि साल 2013 में दिल्ली के गांधी नगर इलाके में प्रदीप और मनोज शाह नाम के युवकों ने गुड़िया नाम की 5 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था. इन आरोपियों ने इस मासूम के साथ दरिंदगी के बाद उसके प्राइवेट पार्ट में कई चीजें डाल दीं जिसके बाद यह मासूम बेहोश हो गई है और इन दरिंदों ने उसे मरा हुआ समझ कर वहीं छोड़ दिया था. दिल्ली के चर्चित गुड़िया गैंगरेप केस में 7 साल बाद कोर्ट ने दोनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए 20-20 साल की सजा का ऐलान कर दिया है जबकि पीड़ित परिवार को 11 लाख रुपयों का मुआवजा देने का ऐलान किया है.
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आपको बता दें कि गुड़िया गैंगरेप में कोर्ट के फैसले के बाद भी इन दोषियों को अपने इस कृत्य पर जरा भी पश्चाताप नहीं हुआ था जब इन आरोपियों को कोर्ट ने दोषी साबित कर दिया था तब ये बाहर आने के समय एक महिला पत्रकार पर भी हमला कर बैठे थे. जब ये दोनों दोष कोर्ट परिसर से बाहर निकल रहे थे तभी एक महिला पत्रकार अपने मोबाइल से इनकी तस्वीर लेने की कोशिश कर रही थी तभी मनोज ने इस महिला पत्रकार को थप्पड़ मार दिया और सबके सामने गालियां भी दी थी.
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पूर्वी दिल्ली के गांधी नगर इलाके में साल 2013 के दौरान एक पांच वर्षीय बच्ची से गैंगरेप करने वाले दोनों आरोपियों को न्यायाधीश ने भरी अदालत में दोषी ठहराते हुए कहा था कि हमारे समाज में नाबालिग लड़कियों को देवी के रूप में पूजा जाता है. पीड़ित बच्ची 5 साल की थी जब अपराध हुआ था. इस मामले ने समाज के सामूहिक विवेक को हिला दिया है. महज पांच वर्ष की बच्ची को बुरे आचरण, अति क्रूरता का सामना करना पड़ा. इस घटना ने समाज की चेतना को झकझोर कर रख दिया था. इन्हीं शब्दों के साथ न्यायाधीश ने इन आरोपियों को दोषी करार देते हुए 30 जनवरी को सजा के ऐलान की बात कही थी.
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