हैदराबाद निकाय चुनाव के लिए मतदान शुरू, BJP-ओवैसी और TRS में कड़ी टक्कर
हैदराबाद नगर निकाय के लिए आज मतदान शुरू हो गया है. मतदान सुबह 7 बजे शुरू हुआ है और शाम 6 बजे तक चलेगाहोने जा रहा है.
हैदराबाद :
हैदराबाद नगर निकाय के लिए आज मतदान शुरू हो गया है. मतदान सुबह 7 बजे शुरू हुआ है और शाम 6 बजे तक चलेगाहोने जा रहा है. ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) के 150 वार्डों के चुनाव के लिए 74,44,260 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. इस चुनाव में 150 सीटों पर 1122 प्रत्याशी मैदान में हैं. मतों की गिनती 4 दिसंबर को होगी. चुनाव आयोग ने मतदान के लिए बड़े पैमाने पर तैयारी की है, जिसमें 48,000 चुनाव कर्मियों और 52,500 पुलिस कर्मियों की तैनाती शामिल है.
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हैदराबाद में इस बार का नगर निकाय काफी दिलचस्प है. यहां के लोकल चुनाव ने अबकी बार राष्ट्रीय राजनीति को अपनी ओर आकर्षित किया है. इस चुनाव के लिए बड़े पैमाने पर चुनाव प्रचार किया गया. हैदराबाद निकाय चुनाव के लिए विधानसभा और लोकसभा चुनाव की तरह प्रचार हुआ. कई राष्ट्रीय स्तर के नेता प्रचार अभियान के लिए मैदान में उतरे.
राज्य विधानसभा की दुबक सीट पर हाल में हुए उपचुनाव में जीत के बाद बीजेपी ने जीएचएमसी चुनाव के लिए पूरी ताकत झोंक दी. भाजपा की चुनाव प्रचार की रणनीति पार्टी महासचिव भूपेंद्र यादव ने बनाई, जो बिहार विधानसभा चुनाव के भी पार्टी प्रभारी थे. भाजपा के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, स्मृति ईरानी और गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी, जो सिकंदराबाद से सांसद हैं, भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने प्रचार किया.
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बीजेपी ने प्रचार के दौरान राज्य में सत्तारूढ़ टीआरएस और एआईएमआईएम के कथित गठबंधन को रेखांकित किया और मतदाताओं से पारदर्शी शासन के लिए उसके पक्ष में मत देने की अपील की. टीआरएस की ओर से प्रचार की कमान नगर प्रशासन मंत्री केटी रामाराव ने संभाली, जबकि राज्य के मुख्यमंत्री एवं पार्टी सुप्रीमो चंद्रशेखर राव ने भी जनसभाओं को संबोधित किया. टीआरएस ने राज्य के कई मंत्रियों और विधायकों को भी मैदान में उतारा.
कांग्रेस की ओर से प्रदेश अध्यक्ष एन उत्तम कुमार रेड्डी और कार्यकारी अध्यक्ष ए रेवंत रेड्डी व अन्य वरिष्ठ नेताओं ने प्रचार किया. एक समय राज्य की राजनीति में शक्तिशाली रही तेलुगु देशम पार्टी भी एक बार फिर खोई जमीन वापस लेने की कोशिश के तहत मैदान में उतरी है और अविभाजित आंध्रप्रदेश में एन चंद्रबाबू नायडू के मुख्यमंत्री रहते शहर के विकास के लिए किए गए कार्यो का हवाला दिया.
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