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अरुणाचल के CM के खिलाफ CBI जांच की मांग, गोरखपुर पहुंचा पैदल मार्च

अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के मुख्यमंत्री पेमा खांडू (Pema Khandu) के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए न्याय की मांग को लेकर 21 अगस्त को निकली पदयात्रा आज गोरखपुर पहुंची. अरुणाचल अगेंस्ट करप्शन (Arunachal Agaisnt Corruption) के सदस्य...

Updated on: 14 Sep 2022, 02:44 PM

highlights

  • अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप
  • सीबीआई जांच की मांग को लेकर पैदल मार्च
  • पीएम मोदी को कराएंगे स्थिति से अवगत

गोरखपुर:

अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के मुख्यमंत्री पेमा खांडू (Pema Khandu) के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए न्याय की मांग को लेकर 21 अगस्त को निकली पदयात्रा आज गोरखपुर पहुंची. अरुणाचल अगेंस्ट करप्शन (Arunachal Agaisnt Corruption) के सदस्य अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) में एक हजार करोड़ का भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर विरोध जता रहे हैं. अरुणाचल अगेंस्ट करप्शन की चेयरमैन तोको शीतल का आरोप है कि प्रदेश में एक हजार करोड़ से अधिक का भ्रष्टाचार हुआ है. उन्होंने आरोप लगाया कि इस भ्रष्टाचार में मुख्यमंत्री पेमा खांडू की भी संलिप्तता है. इन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार की जांच कराने की कई बार मांग की गई, लेकिन प्रदेश में कोई सुनवाई नहीं हुई.

पीएम मोदी से मुलाकात में करेंगे ये मांग

अरुणाचल अगेंस्ट करप्शन (Arunachal Agaisnt Corruption) की मांग है कि भ्रष्टाचार के इस बड़े मामले की सीबीआई (CBI) से जांच कराई जाए और इसीलिए यह पीएम मोदी से मिलने के लिए इस यात्रा पर निकले हैं. भ्रष्टाचार के विरोध में जो पदयात्रा निकाली गई है, वह अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) से चलकर कोलकाता, बिहार होते हुए आज गोरखपुर पहुंची. यह पदयात्रा दिल्ली में जाकर धरने में तब्दील हो जाएगी. अरुणाचल अगेंस्ट करप्शन के 20 से अधिक सदस्य दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना देंगे और भ्रष्टाचार के विरोध में केंद्र सरकार से सीबीआई जांच (CBI Probe) की मांग करेंगे.

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विलासिता में डूबे रहते हैं सीएम पेमा खांडू

पदयात्रा निकालने वाले लोगों का आरोप है कि अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू सिर्फ अपनी विलासिता में डूबे रहते हैं. उन्हें न तो राज्य के अंदर की बदहाल स्थिति की चिंता है और न ही पड़ोसी देश चाइना के लगातार अतिक्रमण के बारे में. आज अरुणाचल प्रदेश की स्थिति देश के सभी राज्यों में सबसे खराब हो चुकी है और इसके लिए वहां के मुख्यमंत्री सीधे तौर पर दोषी हैं.