Arun Jaitley passes away: अरुण जेटली के जीवन, बीमारी और बड़े फैसलों के बारे में जानें
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली का 66 साल की उम्र में शनिवार को निधन हो गया. उनके निधन से सभी लोग दुखी हैं, वे काफी समय से बीमार थे.
नई दिल्ली:
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली का 66 साल की उम्र में शनिवार को निधन हो गया. उनके निधन से सभी लोग दुखी हैं, वे काफी समय से बीमार थे. यहां आपको अरुण जेटली के जीवन के बारे में सब कुछ बता रहे हैं, साथ ही अरुण जेटली ने देश को क्या दिया, यह भी आज आपको जानना चाहिए. साथ ही उनकी पूरी जानकारी यहां आपको मिलेगी.
अरुण जेटली का जीवन
- अरुण जेटली का जन्म 28 दिसंबर 1952 को हुआ था।
- अरुण जेटली के पिता महाराज किशन जेटली पेशे से वकील थे।
- नई दिल्ली सेंट जेवियर्स स्कूल से 1957-69 तक पढ़ाई की.
- डीयू से 1977 में लॉ की डिग्री ली.
- श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की.
- 1974 में दिल्ली विश्व विद्यालय छात्रसंघ का अध्यक्ष थे।
- 1989-90 में भारत सरकार का एएसजी थे।
- नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वित्त मंत्री रहे हैं।
- पहले कार्यकाल में कुछ समय के लिए रक्षा, सूचना और प्रसारण मंत्रालय का कार्यभार भी संभाला।
- इससे पहले भी जेटली को वाजपेयी सरकार सूचना प्रसारण, कानून जैसे अहम मंत्रालय संभाले।
- अरुण जेटली 4 बार राज्यसभा सांसद रहे।
- जेटली दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के अध्यक्ष भी रहे।
- इनके वित्तमंत्री रहते जीएटी विधेयक पास हुआ।
- 2014 में अमृतसर से लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन हार गए थे।
- भाजपा के प्रमुख चुनाव रणनीतिकार थे।
- पेट्रोलियम की कीमतों में उछाल हो , राफेल सौदा हो या जीएसटी की जटिलताएं , जेटली ने आम लोगों को उन्हें सरल शब्दों में प्रभावी तरीके से प्रस्तुत कर सरकार का बचाव किया.
- मीडिया के सामने सरकार का हर मुद्दे पर बचाव किया।
- सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता।
- बीमारी के कारण मोदी सरकार में मंत्री बनने से जेटली ने मना कर दिया था।
- 24 मई 1982 को जेटली की शादी संगीता जेटली से हुई.
- इनके दो बच्चे हैं- रोहन और सोनाली।
बीमारी
- मई 2018 में अरुण जेटली का किडनी प्रत्यारोपण हुआ था.
- इसके बाद जेटली के बायें पैर में सॉफ्ट टिशू कैंसर हो गया है , जिसकी सर्जरी के लिए वह इसी साल जनवरी में अमेरिका भी गए थे.
- आज सुबह 11 बजे अरुण जेटली को चेकअप के लिए एम्स में भर्ती कराया गया.
- अरुण जेटली का ट्रीटमेंट एंडोक्रिनोलोजिस्ट नेफ्रोलॉजिस्ट और कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टरों की देखरेख में चल रहा है.
- कार्डियोलॉजी के हेड ऑफ डिपार्टमेंट डॉक्टर वीके बहल की निगरानी में अरुण जेटली का इलाज चल रहा है.
- बता दें कि पिछले काफी समय से अरुण जेटली अस्वस्थ चल रहे हैं और इसी वजह से दूसरी मोदी सरकार की कैबिनेट में शामिल होने से उन्होंने इनकार कर दिया था.
- अरुण जेटली ने पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर मंत्रिमंडल में शामिल होने से मना कर दिया था.
- अरुण जेटली ने ट्विटर पर चिट्ठी को शेयर करते हुए लिखा था , ' पिछले 18 महीने से मैं बीमार हूं. मेरी तबीयत खराब है , इसलिए मुझे मंत्री न बनाने पर विचार करें. ' 30 मई को पीएम मोदी और उनके मंत्रिमंडल शपथ ली थी.
- अरुण जेटली ने लिखा, ' आपकी (पीएम मोदी) अगुवाई में 5 साल काम करने का अनुभव बहुत ही अच्छा रहा. इससे पहले भी एनडीए सरकार में मुझे जिम्मेदारियां दी गईं. सरकार के अलावा संगठन और विपक्ष के नेता के रूप में मुझे अहम जिम्मेदारियों से नवाजा गया. अब मुझे कुछ नहीं चाहिए. '
- खराब सेहत का हवाला देते हुए अरुण जेटली ने लिखा , ' मैं आपसे औपचारिक रूप से अनुरोध करने के लिए लिख रहा हूं कि मुझे अपने इलाज और स्वास्थ्य के लिए उचित समय चाहिए और इसलिए मैं नई सरकार में किसी भी जिम्मेदारी का हिस्सा नहीं बनना चाहता हूं. इसके बाद निश्चित तौर पर मेरे पास काफी समय होगा , जिसमें मैं अनौपचारिक रूप से सरकार या पार्टी में कोई भी सहयोग कर सकता हूं. '
जेटली के कार्यकाल में बड़े फैसले
- अरुण जेटली के कार्यकाल में नोटबंदी , जीएसटी जैसे कई ऐतिहासिक फैसले लागू हुए.
- इनसॉल्वेंसी एवं बैंकरप्शी कोड , जनधन , कैश ट्रांसफर जैसे जबरदस्त कदम अरुण जेटली ने उठाए.
- जीएसटी लागू होने बाद जीएसटी परिषद में सारे प्रस्ताव सर्वसम्मति से अनुमोदित किए गए. असल में सभी राजनीतिक दलों में अच्छे संपर्क रखने की वजह से उन्हें इसमें सफलता मिली.
- उनके कार्यकाल की एक प्रमुख उपलब्धि रही राजकोषीय अनुशासन बनाए रखना.
- भारत ने राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 3 फीसदी तक लाने का लक्ष्य रखा है.
- हालांकि , जेटली इसे 3.4 फीसदी तक लाने में सक्षम रहे.
- उन्होंने रिजर्व बैंक में मौद्रिक नीति समीक्षा समिति बनाई और महंगाई को लेकर आक्रामक रुख रखा जिसकी वजह से उनके कार्यकाल में उपभोक्ता महंगाई 7.72 फीसदी से घटकर 2.92 फीसदी तक आ गई.
- उनके कार्यकाल में रेरा बिल पास हुआ।
- काले धन पर लगाम लगाने के लिए एसआईटी का गठन।
- पाकिस्तान से एमएफएन का दर्जा छीना।
- देश में आर्थिक सुधार को तेज किया।
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