अलवर लिंचिंग: पुलिस की भूमिका संदेह में, राजस्थान सरकार ने दिए जांच के आदेश
एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि राजस्थान पुलिस के रवैये से मुझे तनिक भी हैरानी नहीं हुई। पुलिस और कथित गोरक्षक दोनों मिले हुए है।
नई दिल्ली:
राजस्थान के अलवर में गो तस्करी के शक में हुई कथित मॉब लिंचिंग को लेकर राजस्थान सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं।
राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद्र कटारिया ने बताया कि मीडिया रिपोर्ट्स में पुलिस की भूमिका को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। हमने जांच के आदेश दे दिए हैं जिससे सही कारण का पता चल सके।
कटारिया ने कहा, 'कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि पुलिस ने पीड़ित को अस्पताल पहुंचाने में देरी की। हमलोग मामले की जांच कर रहे हैं और अगर दोषियों के ख़िलाफ़ आरोप सही साबित होता है तो उनके ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाएगी।'
वहीं सोमवार को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा कि राजस्थान पुलिस के रवैये से मुझे तनिक भी हैरानी नहीं हुई। पुलिस और कथित गोरक्षक दोनों मिले हुए है।
उन्होंने कहा, 'राजस्थान पुलिस का यह रवैया पहलू ख़ान मर्डर केस में भी देखने को मिला था इसलिए उनकी कार्रवाई से मैं तनिक भी हैरान नहीं हूं। राजस्थान पुलिस कथित गोरक्षकों की मदद कर रही है। इस घटना में दोनों का बराबर हाथ है।'
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि घायल होने के बाद पुलिस ने जानबूझ कर उसे अस्पताल पहुंचाने में देरी की जिससे उसकी मौत हो गई। बताया जा रहा है कि पुलिस ने अकबर को 6 किलोमीटर दूर स्थित अस्पताल पहुंचाने में 3 घंटे का समय लगाया।
डॉक्टर के मुताबिक अकबर को जब अस्पताल लाया गया तो उसकी मौत हो गई थी। रामगढ़ ज़िला अस्पताल के डॉक्टर डॉ हसन ने बताया, 'पीड़ित को सुबह 4 बजे अस्पताल लाया गया। पुलिस अधिकारी के अनुरोध पर मृत शरीर को पोस्टमॉर्टम के लिए अलवर भेज दिया गया है।'
गौरतलब है कि अलवर में गो तस्करी के शक में एक शख़्स की पिटाई से मौत के मामले में पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं। पीटीआई के मुताबिक घटनास्थल पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने आरोप लगाया है कि मृतक अकबर की मौत भीड़ की पिटाई से नहीं बल्कि पुलिस की पिटाई से हुई है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि अकबर को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस उसके घर के सामने रुकी थी और वहां उसकी बुरी तरह से पिटाई की। मौत को लेकर उठ रहे सवालों के बीच मामले की जांच सीनियर अफ़सर को सौंप दी गई है।
वहीं इस मामले को लेकर कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला ने सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान सरकार के खिलाफ अवमानना की याचिका दी है। सुप्रीम कोर्ट इस याचिका की सुनवाई 28 अगस्त को करेगा।
और पढ़ें- अलवर मॉब-लिंचिंग के मामले में नया मोड़, प्रत्यक्षदर्शियों का आरोप- पुलिस की पिटाई से हुई मौत
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Lok Sabha Election 2024: PM मोदी ने नामांकन के लिए क्यों चुना यह खास दिन? सामने आई चौंकाने वाली वजह
-
Guru Asta 2024: आज गुरु होंगे अस्त, इन राशियों को होगा बंपर लाभ, होगी जबरदस्त कमाई
-
Angarak Yoga 2024: मंगल के गोचर से बना अंगारक योग, इन राशियों के जीवन में छा जाएगा अंधेरा
-
Vastu Tips For Kitchen: इस दिशा में होती है रसोई तो घर वाले हमेशा रहते हैं कंगाल