ट्रिपल तलाक पर केंद्र के बिल को AIMPLB ने किया खारिज, कहा-पीएम से करेंगे वापस लेने की अपील
ट्रिपल तलाक के खिलाफ केंद्र के प्रस्तावित विधेयक को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने खारिज कर दिया है।
highlights
- ट्रिपल तलाक के खिलाफ केंद्र के प्रस्तावित विधेयक को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने खारिज कर दिया है।
- लखनऊ में आज हुई एआईएमपीएलबी वर्किंग कमेटी की बैठक की आपात बैठक में यह फैसला लिया गया
लखनऊ:
ट्रिपल तलाक के खिलाफ केंद्र के प्रस्तावित विधेयक को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने खारिज कर दिया है।
लखनऊ में आज हुई एआईएमपीएलबी वर्किंग कमेटी की बैठक की आपात बैठक में यह फैसला लिया गया।
बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता सज्जाद नोमानी ने कहा कि इस बिल को बनाने में वाजिब प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है।
बोर्ड ने इस प्रस्तावित बिल को संविधान और शरीयत विरोधी बताते हुए कहा, 'इस बिल को बनाने के दौरान किसी भी संबंधित पक्षकारों से कोई मशविरा नहीं किया गया। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रेसिडेंट, प्रधानमंत्री को इस बात की जानकारी देंगे और उनसे इस बिल को रोके जाने के साथ उसे वापस लेने की विनती करेंगे।'
नोमानी ने बताया कि एक बार में तीन तलाक से मुस्लिम महिलाओं को पेश होने वाली दिक्कतों के बारे में इस बिल के जरिये केन्द्र सरकार जिस मकसद को हासिल करना चाहती है उन्हें पहले से मौजूद कानूनी प्रावधानों से हासिल किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि यह बिल भारत के संविधान की मूल भावना के भी खिलाफ है। यही नहीं तीन तलाक के बारे में 22 अगस्त 2017 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गए फैसले का भी यह बिल उल्लंघन करता है।
बैठक में शामिल होने के लिए बोर्ड की वर्किंग कमेटी के सभी 51 सदस्यों के बुलाया गया था, जिसमें से 19 लोग ही पहुंचे थे। बैठक में एमआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी भी पहुंचे थे।
पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस बिल को महिला विरोधी बताते हुए तीन साल की सजा देने वाले प्रस्तावित मसौदे को आपराधिक कृत्य करार दिया है। बोर्ड ने कहा कि यह महिलाओं की आजादी में दखल है।
हालांकि केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी कह चुके हैं कि ट्रिपल तलाक के खिलाफ प्रस्तावित बिल पर सरकार ने लोगों से सुझाव मांगे थे।
केंद्र ने मुस्लिम महिला (वैवाहिक अधिकार सुरक्षा) विधेयक-2017 का मसौदा तैयार किया है जिसमें ट्रिपल तलाक को आपराधिक मामला करार देते हुए तीन साल तक कारावास की सजा व जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
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उन्होंने कहा, 'दंड संबंधी प्रावधानों के अतिरिक्त नये कानून में तलाकशुदा महिलाओं की वित्तीय सुरक्षा के लिए भी प्रावधान होंगे और यह कानून उनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करेगा।'
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से तीन तलाक को अवैध करार दिए जाने के बाद केंद्र सरकार तीन तलाक को खत्म करने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र में बिल पेश करने जा रही है।
क्रिसमस की छुट्टी के बाद मंगलवार को संसद में तीन तलाक बिल पेश किया जाएगा।
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