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मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी पर विफल रहले का लगाया आरोप, कहा- कहां गई 2 करोड़ नौकरी

शुक्रवार को कपिल सिब्बल की किताब 'शेड्स ऑफ ट्रुथ' के विमोचन के मौके पर मनमोहन सिंह ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा जो वादे किए गए थे उसे अब तक पूरा नहीं किया गया है।

Updated on: 08 Sep 2018, 07:12 AM

नई दिल्ली:

जैसे- जैसे चुनाव नजदीक आता जा रहा है मोदी सरकार पर विपक्ष के हमले तेज़ होते जा रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने देश में बेरोजगारी को लेकर प्रधानमंत्री पर वादा खिलाफ़ी का आरोप लगाया है। शुक्रवार को कपिल सिब्बल की किताब 'शेड्स ऑफ ट्रुथ' के विमोचन के मौके पर मनमोहन सिंह ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा जो वादे किए गए थे उसे अब तक पूरा नहीं किया गया है।

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, 'मोदी सरकार ने दो करोड़ रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन देश के युवा आज भी नौकरी का इंतजार कर रहे हैं।' मनमोहन सिंह ने आगे सरकारी आंकड़ो पर सवाल खड़े करते हुए कहा, 'सरकार जो आंकड़े दे रही है, हकीकत उससे कहीं अलग है। पिछले चार सालों में बेरोजगारी दर काफी बढ़ गई है।'

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा बड़ी संख्या में रोजगार सृजन के आंकड़े से लोग संतुष्ट नहीं हैं। औद्योगिक उत्पादन और आयात सुस्त हुआ है। मेक इन इंडिया और स्टैंड अप इंडिया जैसे कार्यक्रम औद्योगिक उप्तादन में अभी तक पर्याप्त प्रभाव नहीं डाल पाए हैं।

उन्होंने कहा, 'मोदी सरकार ने देश में मौजूद कृषि संकट का सकारात्मक ढंग से सामना नहीं किया। किसान को अभी तक उनके उत्पाद के लाभकारी मूल्य नहीं दिए गए।'

उन्होंने कहा कि सिब्बल की किताब मोदी सरकार के चार वर्षो के कार्यकाल का समग्र विश्लेषण है। उन्होंने कहा, 'इसमें सरकार द्वारा 2014 लोकसभा चुनाव से पहले किए गए उन असफल वादों के बारे में बताया गया है, जिसे सरकार पूरा करने में विफल रही।'

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि छोटे उद्योगों को अभी भी इज ऑफ डूइंग बिजनेस से फायदा होना बाकी है और नोटबंदी व जीएसटी से ये उद्योग प्रभावित हुए हैं।

उन्होंने कहा, 'महिला, दलित और अल्पसंख्यक असुरक्षा के माहौल में रह रहे हैं। मोदी सरकार धीरे ही सही, लेकिन उन मूल्यों को समाप्त कर रही है, जिसकी रक्षा किसी भी लोकतांत्रिक पार्टी को करनी चाहिए।'

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सिंह ने कहा कि पड़ोसियों के साथ हमारे संबंध बीते चार वर्षो में बहुत खराब हो गए हैं। मोदी सरकार विज्ञान व प्रौद्योगिकी के क्षेत्र से संबंधित समस्याएं सुलझाने में विफल रही है।