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शिक्षामित्रों को 10 हजार रुपए मासिक मानदेय देगी योगी सरकार, अक्टूबर में होगी टीईटी परीक्षा

लखनऊ में शुरू हुए शिक्षामित्रों के आंदोलन से हरकत में आयी राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं।

Updated on: 21 Aug 2017, 11:06 PM

highlights

  • सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों को पद पर वापस करने और उन्हें 10 हजार रुपये मासिक मानदेय देने का किया फैसला
  • 15 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) 2017 आयोजित कराने का निर्णय किया
  • टीईटी परीक्षा में 2.5 अंक प्रतिवर्ष अधिकतम 25 भारांक देने की वरीयता

नई दिल्ली:

लखनऊ में शुरू हुए शिक्षामित्रों के आंदोलन से हरकत में आयी राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में प्रशासन ने सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किये गए शिक्षामित्रों को पहली अगस्त से शिक्षामित्र के पद पर वापस करने और उन्हें 10 हजार रुपये मासिक मानदेय देने का फैसला किया है।

वहीं शिक्षामित्रों को प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में मौका देने के लिए 15 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) 2017 आयोजित कराने का निर्णय किया है।

शिक्षकों की भर्ती में शिक्षामित्रों को अधिकतम 25 अंक तक भारांक (वेटेज) देने के लिए नियमावली में संशोधन करने का भी फैसला हुआ है। शिक्षकों की भर्ती के लिए दिसंबर में विज्ञापन प्रकाशित कराया जाएगा।

अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा राज प्रताप सिंह ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में सरकार शिक्षामित्रों को शिक्षक बनने का मौका देने जा रही है।

शिक्षामित्र शिक्षक बनने के लिए टीईटी की अनिवार्य अर्हता प्राप्त कर सकें, इसके लिए 15 अक्टूबर को यूपीटीईटी-2017 परीक्षा आयोजित की जाएगी।

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यूपीटीईटी-2017 की परीक्षा का कार्यक्रम जारी कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार शिक्षामित्रों को शिक्षकों की भर्ती में उनके कार्य अनुभव के आधार पर प्रत्येक सेवा वर्ष के लिए 2.5 अंक और अधिकतम 25 अंक तक भारांक (वेटेज) दिया जाएगा।

शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति में भारांक का लाभ देने के लिए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 में संशोधन कराया जाएगा।

यह संशोधन शैक्षिक योग्यता और गुणांक निर्धारण में किया जाएगा। इसके लिए प्रस्ताव को जल्द ही कैबिनेट से मंजूर कराने की तैयारी है।

टीईटी के आयोजन के बाद परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के उपलब्ध रिक्त पदों पर चयन के लिए दिसंबर में विज्ञापन प्रकाशित कराया जाएगा।

शिक्षकों की भर्ती में सभी पात्र अभ्यर्थियों को आवेदन का मौका दिया जाएगा। पहली अगस्त से शिक्षामित्र के पद पर वापस माने जाने वाले शिक्षामित्रों के पास यह विकल्प होगा कि वे अपने वर्तमान या मूल तैनाती वाले विद्यालय में कार्यभार ग्रहण करें।

गौरतलब है कि 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने सहायक अध्यापक के पद पर शिक्षामित्रों के समायोजन को रद करने का आदेश देते हुए सरकार से शिक्षामित्रों को शिक्षकों की भर्ती में मौका देने के लिए कहा था। यह भी कहा था कि सरकार चाहे तो शिक्षकों की भर्ती में शिक्षामित्रों को भारांक (वेटेज) दे सकती है।

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