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सुषमा स्वराज ने देश की महिलाओं को नौकरी में आने के लिए 'डोकलाम नीति' अपनाने की दी सलाह

अगर महिलाओं को नौकरी में आने के लिए परिवार के विरोध का सामना करना पड़ रहा है तो वो डोकलाम नीति के तहत मामले को सुलझाए।

Updated on: 15 Oct 2017, 05:44 AM

नई दिल्ली:

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने देश की तमाम महिलाओं से नौकरी में आगे आने की सलाह दी है। इस के साथ ही उन्होंने महिलाओं को अपने परिवार के लोगों को मनाने का तरीका भी सुझाया है।

उन्होंने कहा है कि अगर महिलाओं को नौकरी में आने के लिए परिवार के विरोध का सामना करना पड़ रहा है तो वो डोकलाम नीति के तहत मामले को सुलझाए।

शनिवार को गुजरात में सत्ताधारी बीजेपी की ओर से आयोजित महिला टाउन हॉल कार्यक्रम के दौरान सुषमा से सवाल किया गया था कि यदि परिवार नौकरी की इजाजत नहीं दे तो ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए?

विदेश मंत्री ने कहा कि परिवार के सदस्यों को समझाना चाहिए कि एक कामकाजी महिला परिवार को कैसे लाभ पहुंचाती है।

उन्होंने कहा, 'यदि वे (परिवार के सदस्य) फिर भी नहीं समझते हैं तो उन्हें वैसे ही समझाना-बुझाना चाहिए जैसे भारत ने डोकलाम के मुद्दे पर चीन को समझाया'।

ज़ाहिर है डोकलाम गतिरोध करीब दो महीने तक खिंचने के बाद आखिरकार दोस्ताना तरीके से सुलझाया गया। इसे भारत की कूटनीतिक जीत के तौर पर देखा जा रहा है।

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सुषमा ने आगे कहा कि महिलाओं के मुद्दों को व्यापक तौर पर तीन श्रेणियों में बांटा जा सकता है- सुरक्षा से जुड़े मुद्दे, आजादी से जुड़े मुद्दे और सशक्तिकरण का मुद्दा।

उन्होंने कहा, 'बच्ची की सुरक्षा से जुड़ा सबसे पहला मुद्दा होता है कि क्या समाज उसे पैदा होने देगा। मैं नहीं समझती कि इस देश में, जहां हम महिलाओं को देवी के तौर पर पूजते हैं, जहां दो नवरात्रि मनाई जाती है, लोग (अब भी) गर्भ में बच्ची को मार डालते हैं'।

उन्होंने कहा कि देश में कई कानून हैं, लेकिन प्रधानमंत्री का मानना है कि एक सामाजिक अभियान शुरू करने की जरुरत है, क्योंकि इस बुराई से लड़ने के लिए सिर्फ कानून काफी नहीं है।
सुषमा ने बताया कि हमने देश में बडे़ पैमाने पर बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना शुरू की है। केंद्र एवं राज्यों की सरकारों ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने महिलाओं की वित्तीय आजादी सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे मुद्रा योजना के तहत उन्हें कर्ज दिया जा रहा है।

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