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पहली बार देश के चारों बड़े हाई कोर्ट बॉम्बे, मद्रास दिल्ली और कलकत्ता की चीफ जज महिलाएं

न्याय व्यवस्था में महिलाओं के नाम एक इतिहास दर्ज हो गया।

Updated on: 08 Apr 2017, 10:07 AM

ऩई दिल्ली:

मद्रास हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस के तौर पर इंदिरा बनर्जी की नियुक्ति के साथ ही महिलाओं के नाम एक नया इतिहास दर्ज हो गया। ऐसा देश में पहली बार सबसे पुराने और बड़े बॉम्बे, मद्रास, कलकत्ता और दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जज के पद पर महिलाएं आसीन है।

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बॉम्बे हाई कोर्ट की जज मंजुला चेल्लूर,मद्रास हाई कोर्ट में इंदिरा बनर्जी, कलकत्ता हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस निशिता निर्मल और दिल्ली हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस जी. रोहिणी है। इन चारों हाई कोर्ट की स्थापना कोलोनियल सत्ता के दौरान हुई थी। 

बॉम्बे हाई में देश के सभी उच्च न्यायालयों से ज्यादा महिलाएं है। मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट में नंबर दो की पोजिशन पर भी एक महिला जस्टिस वी एम ताहिलरामनी हैं। यहां 61 पुरुष जज हैं, तो वहीं 11 जज महिलाएं हैं।

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बॉम्बे की तरह ही दिल्ली में भी महिला जजों की संख्या अच्छी है। दिल्ली हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस जी. रोहिणी के बाद नंबर दो की पोजिशन पर महिला जज जस्टिस गीता मित्तल हैं। दिल्ली हाई कोर्ट में महिला जजों की संख्या 9 है, जबकि पुरुष जजों की संख्या 35 है।

वहीं मद्रास हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश इंदिरा बनर्जी को मिलाकर कुल 6 महिला जज हैं, जबकि 53 पुरुष जज हैं। इंदिरा बनर्जी को 31 मार्च को चीफ जस्टिस बनाया गया।

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हालांकि कलकत्ता हाई कोर्ट में महिला जज की संख्या काफी कम है। कार्यकारी चीफ जस्टिस निशिता निर्मल के अलावा यहां सिर्फ 4 महिला जज हैं, जबकि पुरुष जजों की संख्या 35 है। 

गौरतलब है कि देशभर के 24 हाई कोर्ट के 632 जजों में सिर्फ 68 महिलाएं है। 28 जजों वाले सुप्रीम कोर्ट में भी सिर्फ एक महिला जज जस्टिस आर. भानुमति हैं।