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नोटबंदी पर पीएम मोदी के घर से काम कर रही थी 6 लोगों की टीम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 8 नवंबर को एकाएक लिए गए नोटबंदी के फैसले ने सभी हलकानों में हलचल सी पैदा कर दी। 86 प्रतिशत चलन में 500 और 1000 के नोट अमान्य करने के उनके इस फैसले के बारे में केवल छह ही लोग जानते थे।

Updated on: 09 Dec 2016, 01:31 PM

highlights

  • नोटदंबी की गुप्त योजना को मोदी के लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास में अमलीजामा पहनाया गया
  • सत्ता में काबिज होने के बाद से ही पीएम मोदी ने नोटबंदी पर काम करना शुरू कर दिया था

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 8 नवंबर को एकाएक लिए गए नोटबंदी के फैसले ने देश को चौंका दिया था। खबरों के मुताबिक 500 और 1000 रुपये के नोटों को अमान्य करने के उनके इस फैसले के बारे में केवल छह ही लोग जानते थे। यह सभी छह लोग उनके विश्वसनीय नौकरशाह थे, जिसमें से एक राजस्व सचिव हसमुख अधिया भी हैं।

हसमुख अधिया सहित केवल छह लोगों को इस गोपनीय फैसले के बारे में पता था। खबरों के अनुसार इस गुप्त योजना को मोदी के लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास के दो कमरों में युवाओं की टीम द्वारा अमलीजामा पहनाया गया। 2014 में सत्ता में काबिज होने के बाद से ही पीएम ने इस पर काम करना शुरू कर दिया था।

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नोटबंदी के फैसले का मुख्य उद्देश्य काला धन रखने वालों पर शिकंजा कसना था। यदि गलती से भी इसकी भनक लोगों को पहले लग गई होती तो वह अपने घर पर रखा सोना, संपत्ति, नकदी और काला धन छिपाने कामयाब हो जाते।

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पीएम के इस फैसले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले 58 वर्षीय अधिया 2003-06 के बीच गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर मोदी के प्रधान सचिव के रूप में काम कर चुके हैं।अधिया मोदी के विश्वसनीय लोगों में शुमार हैं।