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WhatsApp से लगा सरकार को झटका, मैसेज का स्रोत बताने से किया इंकार, बताई ये वजह

व्हाट्सएप ने अपने प्लेटफॉर्म पर मैसेज को ट्रैक करने की मांग को खारिज करते हुए भारत सरकार को झटका दिया है।

Updated on: 23 Aug 2018, 10:10 PM

नई दिल्ली:

व्हाट्सएप (WhatsApp) ने अपने प्लेटफॉर्म पर मैसेज को ट्रैक करने की मांग को खारिज करते हुए भारत सरकार को झटका दिया है। मेसेजिंग कंपनी ने अपने प्लेटफॉर्म पर मैसेज के मूल स्रोत का पता लगाने के लिए सॉफ्टवेयर विकसित करने से इंकार कर दिया है। सरकार ने व्हाट्सएप (WhatsApp) से टेक्नोलॉजी की मांग की थी, जिसे कंपनी ने मानने से इंकार कर दिया। सरकार व्हाट्सएप से फेक न्यूज के स्रोत का पता लगाने का उपाय मांगा था। बता दें कि फ़र्ज़ी और झूठी खबरों के कारण लिंचिंग कि घटनाएं काफी बढ़ गई थी। लिंचिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी चिंता जाता चुकी है। व्हाट्सएप ने सरकार को बताया कि वह उपभोक्ताओं की प्राइवेसी के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकती और डेटा एक्सेस करने में असमर्थ है।

कंपनी के एक सीनियर एग्जिक्युटिव ने बताया, 'यूजर्स के डिवाइस में डेटा सेव होता है। डिक्रिप्शन के लिए न सिर्फ वॉट्सऐप के साथ ऐपल और गूगल की मेसेजिंग सर्विसेज के काम करने के मूल तरीकों में भी बदलाव करना पड़ेगा।'

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व्हाट्सएप के प्रमुख क्रिस डैनिएल्स ने केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद से मुलाकात की थी। इस मुलाकात से पहले कई मॉब लिचिंग की घटनाओं का संबंध इंस्टैंट मैसेजिंग प्लेटफार्म पर फर्जी संदेशों और गलत जानकारी के दुष्प्रचार से जुड़ा पाया गया था। गलत मैसेज के प्रसार से देश में मॉब लिंचिंग की घटनाओं के तार जुड़ने के बाद व्हाट्सएप को एक कठोर संदेश भेजते हुए केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को इंस्टैंट मैसेजिंग प्लेटफार्म को कानून का अनुपालन करने और दुरुपयोग को रोकने के लिए 'उपयुक्त' कदम उठाने का निर्देश दिया था।