उप चुनाव: सभी 5 सीटों पर हारी BJP, राजस्थान में कांग्रेस का परचम
राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले हुए 'सेमीफाइनल' मुकाबले में कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन करते हुए मंडलगढ़ विधानसभा सीट के साथ-साथ अजमेर और अलवर लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनावों में बड़े अंतर से जीत हासिल की है।
नई दिल्ली:
राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले हुए 'सेमीफाइनल' मुकाबले में कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन करते हुए मंडलगढ़ विधानसभा सीट के साथ-साथ अजमेर और अलवर लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनावों में बड़े अंतर से जीत हासिल की है। तीनों सीटें सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पास थी। यह नतीजे मुख्यमंत्री वसुधरा राजे के लिए किसी झटके से कम नहीं है।
वहीं पश्चिम बंगाल की दोनों (एक लोकसभा और एक विधानसभा) सीटों पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने बड़ी जीत हासिल की है। दोनों ही सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) दूसरे स्थान पर रही।
टीएमसी के सजदा अहमद ने उलबेरिया लोकसभा सीट से 4 लाख 74 हजार पांच सौ दस वोटों से जीते। बीजेपी दूसरे नंबर काबिज रही, जिसे 2 लाख 93 हजार 46 वोट मिले।
नोआपारा विधानसभा सीट पर ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार सुनील सिंह ने बड़ी जीत हासिल की। उन्हें 1,11,729 वोट मिले। नोआपारा सीट पर चार उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। यह सीट कांग्रेस विधायक मधुसूदन घोष के निधन के बाद खाली हुई थी।
बीजेपी उम्मीदवार संदीप बनर्जी 38,711 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। वहीं माकपा उम्मीदवार गार्गी चटर्जी ने 35,497 वोट हासिल किए। कांग्रेस उम्मीदवार गौतम बोस 10,527 वोटों के साथ चौथे स्थान पर रहे। कांग्रेस के लिए यह बड़ी हार इसलिए भी है कि क्योंकि नोआपारा सीट पर उसका कब्जा था।
दोनों सीटों पर हुए उप चुनाव के नतीजे वामदलों के लिए भी झटका से कम नहीं है। वामपंथी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) का उम्मीदवार नोअपारा में तीसरे स्थान पर रहा, उलुबेरिया में भी यही स्थिति है। यह नतीजे आगामी लोकसभा चुनाव पर भी असर डालेंगे।
राजस्थान उप चुनाव
राजस्थान की तीन सीटों पर जीत के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता व नेता जश्न में डूब गए। कांग्रेस पार्टी के दफ्तर के बाहर सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ताओं ने पटाखे जलाए और ढोल-नगाड़े की धुनों पर नाचते नजर आए।
कांग्रेस के उम्मीदवार विवेक धाकड़ ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के शक्ति सिंह हाडा को 12,976 वोटों से हराकर मंडलगढ़ विधानसभा सीट जीती। इस जीत को लेकर मिठाइयां बांटी गईं। भाजपा इस हार से स्तब्ध है।
अलवर लोकसभा उप चुनाव में कांग्रेस के करन सिंह यादव ने भाजपा के जसवंत सिंह यादव को 1,96,496 मतों के भारी अंतर से हराया। अजमेर लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस के रघु शर्मा ने भाजपा के रामस्वरूप लांबा को 84,414 वोटों से हराया।
2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस राजस्थान में एक भी सीट नहीं जीत सकी थी। अजमेर में रघु शर्मा को 6,11,514 वोट जबकि लांबा को 5,27,100 वोट मिले।
अलवर में करन सिंह यादव को 6,42,416 वोट और भाजपा के जसवंत सिंह को 4,45,920 वोट मिले। निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने कहा कि 29 जनवरी को मंडलगढ़ में हुए उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार धाकड़ को 70,146 वोट मिले, जबकि हाडा को 57,170 वोट मिले।
यह चुनाव बीजेपी विधायक कीर्ति कुमारी के बीते साल अगस्त में स्वाइन फ्लू की वजह से निधन के कारण कराया गया।
अजमेर सीट के भाजपा सांसद सांवरलाल जाट और अलवर के सांसद महंत चांदनाथ योगी के निधन के कारण इन सीटों पर उपचुनाव हुए।
राज्य में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है, इसलिए इस चुनाव को सेमीफाइनल माना जा रहा था। वसुंधरा राजे के राज में बीजेपी को हो रहे नुकसान से कांग्रेस उत्साहित है। पार्टी नेताओं ने कहा कि मतदाताओं ने भाजपा को अस्वीकार दिया है।
कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री सचिन पायलट ने कहा, 'ताजा चुनाव नतीजों को देखते हुए राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।'
उन्होंने कहा कि देश के युवाओं को अहसास हो गया कि बीजेपी की ध्रुवीकरण की राजनीति काम नहीं करेगी। जनता ने भाजपा का घमंड तोड़ते हुए अपना विश्वास कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी में जताया।
कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह चुनाव परिणाम 2019 लोकसभा चुनाव के लिए भी शुभ संकेत हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने पिछले चार सालों में कांग्रेस की योजनाओं का नाम बदलने के अलावा प्रदेश के लिए कुछ नहीं किया। बेरोजगारी युवाओं को परेशान कर रही है।
चुनाव परिणाम आने के बाद भाजपा नेताओं के चेहरे उतर गए।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने संवाददाताओं से कहा, 'हम जनादेश का सम्मान करते हैं। हम हार के कारणों की समीक्षा करेंगे। मैं हार की नैतिक जिम्मेदारी लेता हूं।'
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